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छठ मईया जी की आरती

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छठ मईया की आरती


ॐ जय छठी माता,

मैया जय छठी माता, तुम संतन हितकारी, टूटे न ये नाता।।


ॐ जय छठी माता कार्तिक षष्ठी को मैया,

व्रत तेरा आता, निर्जला व्रत जो रखता, फल उत्तम पाता।।


ॐ जय छठी माता चतुर्थी के दिन पावन, नहाय खाय आता,

बाद दिवस जो आये, खरना कहलाता।।


ॐ जय छठी माता ठेकुआ, नारियल, फल से सूप भरा जाता,

डलिया माथे सजाके, घाट पे जग जाता।।


ॐ जय छठी माता संध्या को जल में खड़े हो,

अर्घ्य दिया जाता, प्रात अर्घ्य से छठ व्रत, संपन्न हो जाता।।


ॐ जय छठी माता छठी मैया की आरती जो कोई नर गाता,

मैया जो कोई जन गाता, दुःख दारिद्रय हैं मिटते, संकट टल जाता।।


ॐ जय छठी माता ॐ जय छठी माता, जय जय छठी माता,

तुम संतन हितकारी, टूटे न ये नाता।।


बोलिये छठी मैया की जय

कोई ऐसी खोल नहीं है (Koi Aisi Khol Nahin)

कोई ऐसी खोल नहीं है,
जिसमें तू छुप पायेगा ॥

श्री रामदेव चालीसा (Shri Ramdev Chalisa)

जय जय जय प्रभु रामदे, नमो नमो हरबार।
लाज रखो तुम नन्द की, हरो पाप का भार।

जय अम्बे जगदम्बे मां (Jai Ambe Jagdambe Maa)

जब जब पापी पाप बढ़ाए,धर्म पे ग्रहण लगाए।
त्रिसूलधारी पाप मिटाने, इस धरती पर आए॥

नवंबर-दिसंबर से लेकर साल 2025 तक यह हैं शादी के लिए सबसे शुभ मुहूर्त

हिन्दू धर्म में मुहुर्त का कितना महत्व है इस बात को समझने के लिए इतना ही काफी है कि हम मुहुर्त न होने पर शादी विवाह जैसी रस्मों को भी कई कई महिनों तक रोक लेते हैं।