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शास्त्रों के अनुसार, अक्षय तृतीया के दिन किसी भी शुभ कार्य के लिए मुहूर्त निकालने की आवश्यकता नहीं होती है। इसी कारण विवाह, गृह प्रवेश और व्यापार शुरू करने के लिए यह दिन श्रेष्ठ माना जाता है। विशेष रूप से उन लोगों के लिए जो जीवन में बाधाओं का सामना कर रहे हैं।
ज्योतिष शास्त्रों के अनुसार, इस दिन किए गए कार्यों का फल अनंत काल तक बना रहता है। इसीलिए विवाह भी अगर इस दिन किया जाए, तो दांपत्य जीवन में हमेशा प्रेम, सौभाग्य और खुशियां रहती हैं। साथ ही, कई बार जन्म कुंडली में ग्रहों की स्थिति के कारण विवाह में देरी होती है। ऐसे लोगों के लिए अक्षय तृतीया का दिन वरदान का रूप माना जाता है, क्योंकि इस दिन विवाह करने से बाधाएं दूर होती हैं और जल्द ही सुखमय वैवाहिक जीवन भी शुरू हो जाता है।
जिन लोगों की कुंडली में मंगल दोष होता है, उन्हें विवाह में बाधाओं और दाम्पत्य जीवन में कठिनाइयों का सामना करना पड़ सकता है। लेकिन अक्षय तृतीया के दिन विवाह करने से मंगल दोष के दुष्प्रभाव काफी हद तक कम हो जाते हैं। ऐसा माना जाता है कि इस दिन ग्रहों की विशेष स्थिति के कारण बेमेल कुंडलियों के भी दोष समाप्त हो सकते हैं। इसीलिए जिनकी कुंडली में मंगल दोष है, उनके लिए अक्षय तृतीया पर विवाह अत्यंत शुभ माना गया है।
अक्षय तृतीया के दिन उन लोगों को विशेष रूप से विवाह करने की सलाह दी जाती है, जिनकी कुंडली में विवाह संबंधित कालसर्प दोष या गुरु-शनि का प्रतिकूल योग होता है। इसके अलावा, जिन लोगों का विवाह लंबे समय से टल रहा है या जिनके रिश्तों में बार-बार रुकावटें आ रही हैं, उनके लिए भी यह दिन अत्यंत शुभ माना गया है।
साथ ही, संतान सुख में बाधा आने वाली कुंडलियों के लोगों के लिए भी यह दिन विवाह हेतु विशेष फलदायी होता है। कुल मिलाकर, जिनके जीवन में वैवाहिक सुख में कोई भी प्रकार की ज्योतिषीय बाधा हो, उनके लिए अक्षय तृतीया पर विवाह करना अत्यंत शुभ और मंगलकारी होता है।