आह्वान अखाड़े के साधु-संत नहीं मांगते हैं भिक्षा

WRITTEN BY Team Bhakt Vatsal 24th Dec 2024

सनातन धर्म में कुंभ मेले का बहुत महत्त्व माना जाता है। इनका भारतीय संस्कृति में अहम योगदान होता है।

महाकुंभ के दौरान अखाड़ों का विशेष महत्व होता है। इन्हीं अखाड़ों में से एक आह्वान अखाड़ा है।

काशी में स्थित श्री शंभू पंचदशनाम आवाहन अखाड़ा छठी शताब्दी में आदि शंकराचार्य द्वारा बनाया गया था।

यह अखाड़ा सनातन धर्म की रक्षा और लोगों को धार्मिक मार्ग पर चलने की प्रेरणा देने के लिए जाना जाता है।

आवाहन आखाड़े को पहले "आवाहन सरकार" के नाम से जाना जाता था। इसका उद्देश्य हिंदू धर्म की रक्षा करना है।

इसकी मुख्य विशेषता है कि यहां साधु-संत भिक्षा नहीं लेते हैं। ये श्रद्धालुओं द्वारा दी गई वस्तु ही स्वीकार करते हैं।

महाकुंभ में अखाड़े अपनी परंपराओं और प्रतिभाओं का प्रदर्शन करते हैं। और आध्यात्मिकता का संदेश देते हैं।

सुबह 4 बजे उठते हैं कल्पवासी, एक ही टाइम मिलता है खाना