आनंद अखाड़े में नहीं होता महामंडलेश्वर का पद, जानें इतिहास
WRITTEN BY
Team Bhakt Vatsal
24th Dec 2024
कुंभ मेले में अखाड़े सनातन धर्म की सभ्यता, संस्कृति और आध्यात्मिकता का प्रमुख केंद्र होते हैं।
अखाड़ों में शैव संप्रदाय के 7 प्रमुख अखाड़े हैं। इन्हीं अखाड़ों में से एक आनंद अखाड़ा भी है।
शैव संप्रदाय के इस प्रमुख अखाड़े की स्थापना आदि शंकराचार्य ने 8वीं शताब्दी में की थी।
आनंद अखाड़े के ईष्टदेव भगवान सूर्य हैं। इसका मुख्य केंद्र उत्तराखंड के हरिद्वार में स्थित है।
मुख्य केंद्र हरिद्वार से ही धार्मिक, प्रशासनिक और सामाजिक गतिविधियों का संचालन होता है।
आनंद अखाड़े में महामंडलेश्वर का पद नहीं होता है जो इसे बाकी सभी अखाड़ों से अलग बनाता है।
आनंद अखाड़े में आजादी के बहुत पहले से ही प्रजातंत्र प्रक्रिया का पालन किया जाता है।
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