अंग्रेजों और मुगलों के खिलाफ लड़ चुका है निर्मोही अखाड़ा
WRITTEN BY
Team Bhakt Vatsal
10th Jan 2025
महाकुंभ का आयोजन हर 12 साल में एक बार होता है। इस बार महाकुंभ का आयोजन प्रयागराज में हो रहा है।
महाकुंभ में अखाड़ों की रौनक देखने को मिलती है। सनातन धर्म में साधु-संत के कुल 13 अखाड़े हैं।
निर्मोही अखाड़ा वैष्णव संप्रदाय का एक प्रमुख अखाड़ा है। इसकी स्थापना 14वीं शताब्दी में संत रामानंद ने की थी।
इस अखाड़े के साधु-संत भगवान राम की पूजा करते हैं और उन्हीं के प्रति ही अपना जीवन समर्पित करते हैं।
इस अखाड़े का मुख्य केंद्र अयोध्या में है। निर्मोही अखाड़ा भारतीय संस्कृति के संरक्षण के लिए जाना जाता है।
निर्मोही अखाड़े के साधु-संत शस्त्र विद्या में निपुण थे। उन्होंने आजादी की भी कई लड़ाइयों में हिस्सा लिया।
इस अखाड़े ने राम जन्मभूमि के लिए सबसे पहले दावा किया और लगभग 100 साल तक कानूनी लड़ाई लड़ी।
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