देश का सबसे पुराना चौथ माता का मंदिर, करवा चौथ पर उमड़ते हैं हजारों श्रद्धालु

WRITTEN BY Team Bhaktvatsal

19th October 2024

चौथ माता को देवी पार्वती का रूप माना जाता है। सबसे पुराना चौथ माता का मंदिर राजस्थान के सवाई माधोपुर जिले के बरवाड़ा गांव में स्थित है।

यह अरावली पर्वत पर बना है। इस मंदिर में चौथ माता के साथ भगवान गणेश और भैरव की मूर्तियां भी हैं। यह मंदिर जन आस्था का बड़ा केंद्र है।

यहां पर करवा चौथ, भाद्रपद चौथ, माघ चौथ और लक्खी मेला भी लगता है। जिसमें भाग लेने के लिए हजारों श्रद्धालु पहुंचते हैं।

इस मंदिर का निर्माण सन् 1451 में महाराजा भीम सिंह ने किया था। मान्यता है कि राजा भीम सिंह एक बार शिकार पर निकल रहे थे।

तभी रानी रत्नावली ने उन्हें रोका। इसपर राजा ने कहा- एक बार घोड़े पर सवार होने के बाद शिकार करके ही उतरेंगे और राजा निकल गए।

राजा को जंगल में मृग दिखाई दिया। जिसका वह पीछा करने लगे लेकिन वह गायब हो गया। सैनिक भी रास्ता भटक गए थे।

राजा बैचेन हो गए और प्यास भी लग आई। राजा मूर्छित होकर जंगल में ही गिर पड़े। इस दौरान उन्हें पचाला तलहटी में चौथ माता की प्रतिमा दिखी।

जब उन्हें होश आया तो उनके चारों तरफ पानी था। तभी उनकी नजर एक बच्ची पर पड़ी। राजा ने उससे पूछा अकेले क्या कर रही हो।

तब बच्ची ने कहा- आपकी प्यास बुझी या नहीं। इसी के साथ बच्ची ने देवी का रूप ले लिया। राजा उनके चरणों में गिर गए।

राजा ने कहा- हे माता। मुझे आपसे कुछ नहीं चाहिए। बस इतनी इच्छा है कि आप मेरे राज्य में वास करें। इसके बाद उनकी प्रतिमा पर्वत पर स्थापित की गई।

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