गणाधिप संकष्टी चतुर्थी व्रत शुभ मुहूर्त और पूजा विधि
WRITTEN BY
Team Bhakt Vatsal
15th Nov 2024
हर माह के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी तिथि गणेश जी को समर्पित होती है। इस तिथि को गणाधिप संकष्टी चतुर्थी कहा जाता है।
इस दिन गणेश जी की पूजा की जाती है। साथ ही जीवन के संकटों को दूर करने के लिए गणेश के निमित्त व्रत किया जाता है।
गणाधिप संकष्टी चतुर्थी का व्रत 18 नवंबर को रखा जाएगा। चंद्रोदय शाम 7.34 पर होगा, इस समय चंद्रमा की पूजा की जाएगी।
गणेश जी की पूजा के लिए शाम 5.12 से लेकर 5.53 तक का मुहूर्त होगा। इस दिन सुबह ब्रह्म मुहूर्त में स्नान करें।
उसके बाद साफ वस्त्र पहनकर घर के मंदिर की सफाई करें। फिर साफ चौकी पर साफ-सुथरा कपड़ा बिछाएं।
इसके बाद बप्पा की मूर्ति को स्थापित करें। इस दिन पूजा में गणेश जी को फूल, दूर्वा, अक्षत और चंदन अर्पित करें।
घी का दीपक जलाकर कथा का पाठ करें। फिर आरती करें और भगवान को मोदक का भोग लगाएं।
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