श्री गणेश जी का असली नाम विनायक है। गणों के मुखिया होने के कारण उन्हें गणेश या गणपति कहते हैं।
पुराणों में गणेश जी के 8 अवतारों का वर्णन मिलता है। वक्रतुंड, एकदंत, महोदर, गजानन, लंबोदर, विकट, विघ्नराज, धूम्रवर्ण। इन अवतारों का जिक्र गणेश पुराण, मुद्गल पुराण और गणेश अंक जैसे ग्रंथों में भी मिलता है।
गणेश जी के भाई कार्तिकेय के अलावा अन्य भाइयों के नाम हैं- सुकेश, जलंधर, अयप्पा, भूमा, अंधक और खुजा।
गणेश जी की बहन का नाम अशोक सुंदरी है। इसके अलावा मां ज्वालामुखी और मनसादेवी भी उनकी बहनें हैं।
गणेश जी सतयुग में सिंह, त्रेता में मयूर, द्वापर में मूषक और कलिकाल में घोड़े पर सवार बताए जाते हैं।
गणेश जी को पौराणिक पत्रकार या लेखक भी कहा जाता है, क्योंकि उन्होंने ही महाभारत का लेखन किया है। इस ग्रंथ के रचियता तो वेदव्यास थे, परंतु इसे लिखने का दायित्व गणेशजी को दिया गया था।
रामभक्त हनुमान जी की तरह ही गणेश जी को सभी देवताओं की शक्तियां प्राप्त हैं। ज्योतिष शास्त्र के अनुसार, गणेशजी को केतु के रुप में जाना जाता है। गणेश पूजा से बुध और केतु ग्रह का बुरा असर नहीं होता।
गणेश जी को जो दूर्वा चढ़ाई जाती है, वह जड़रहित 4 अंगुल और 3 गांठो वाली होनी चाहिए।