गोपाष्टमी की पूजा के शुभ मुहूर्त, जानें पूजा-विधि
WRITTEN BY
Team Bhakt Vatsal
09th Nov 2024
हर साल कार्तिक मास के शुक्ल पक्ष अष्टमी के दिन गोपाष्टमी मनाई जाती है। सनातन धर्म में गाय को मां का दर्जा दिया जाता है।
पंचांग के अनुसार, कार्तिक मास की शुक्ल पक्ष अष्टमी 8 नवंबर को रात्रि 11.56 बजे शुरू और 9 नवंबर को रात्रि 10.45 बजे समाप्त होगी।
उदया तिथि के अनुसार, गोपाष्टमी का पर्व 09 नवंबर को मनाया जाएगा। इस दिन अभिजीत मुहूर्त सुबह 11:43 बजे से 12:26 बजे तक रहेगा।
विजय मुहूर्त दोपहर 01 बजकर 53 मिनट से 02 बजकर 37 मिनट तक रहेगा। इस दौरान पूजा समेत किसी भी प्रकार का शुभ कार्य किया जा सकता है।
इस दिन सुबह सबसे पहले स्नान करके साफ वस्त्र धारण करें। फिर कृष्ण भगवान का जलाभिषेक करें। विधि-विधान से उनकी पूजा करें।
इसके बाद गौ माता व बछड़े को नहलाकर सजाएं। गौ माता का गंगाजल से अभिषेक करें। वस्त्र पहनाएं व चंदन का तिलक लगाएं।
गौ माता की आरती उतारें। गुड़, चोकर, फल, मिठाई व हरी घास खिलाएं। पैर छूकर प्रणाम करें। अंत में क्षमा प्रार्थना जरूर करें।
गोपाष्टमी क्यों मनाई जाती है, जानें भगवान श्रीकृष्ण से जुड़ी कथा
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