गोवर्धन भगवान की नाभि पर क्यों रखा जाता है दीया, जानें पौराणिक कहानी

WRITTEN BY Team Bhakt Vatsal  2nd November 2024

आज यानी 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा है। इस दिन गाय के गोबर से भगवान गिरिराज की मूर्ति बनाकर उसकी पूजा की जाती है।

गोवर्धन पूजा के दौरान गिरिराज की नाभि पर दीपक रखा जाता है। इसके पीछे एक पौराणिक कथा जुड़ी हुई है।

दरअसल, बाल कृष्ण ने इंद्र के अहंकार को चूर करने के लिए गोवर्धन पर्वत को अपनी सबसे छोटी उंगली पर उठाया था।

कृष्ण ने गोवर्धन पर्वत को जिस स्थान से उठाया था वह उसका मध्य भाग था।

इसी वजह से गोवर्धन पूजा के दिन गिरिराज जी की गोबर से बनी प्रतिमा की नाभि पर दीया रखा जाता है क्योंकि नाभि शरीर का मध्य भाग है।

अन्य कथा के अनुसार, जब ब्रजवासियों ने गोवर्धन उठाते समय कान्हा की उंगली पर लालिमा देखी तो वे उंगली पर घी, मक्खन, शहद, तेल आदि लगाने लगे।

जब ये चीजें कान्हा की उंगलियों पर ब्रजवासियों द्वारा लगाई जा रही थी तो सब गोवर्धन भगवान के मध्य भाग में लग रहा था।

तब से भगवान गोवर्धन की नाभि के ऊपर पूजा करते समय ये सभी चीजों को संरक्षित करने की परंपरा बन गई।

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