हिंदू धर्म में होते हैं 8 तरह के विवाह, यहां जानें

WRITTEN BY Team Bhakt Vatsal 22nd Nov 2024

हिंदू धर्म में विवाह पवित्र संस्कार माना गया है। ये 16 प्रमुख संस्कारों में से एक हैं।

शास्त्रों में 8 प्रकार के विवाह के जिक्र है। इसमें ब्रह्म, दैव, आर्ष, प्राजापत्य, असुर, गंर्धव, राक्षस व पिशाच है।

ब्रह्म विवाह समें वर-वधू से किसी तरह की जबरदस्ती नहीं होती है। कुल व गोत्र का ध्यान रखकर ये विवाह शुभ मुहूर्त में होता है।

देव विवाह इस विवाह में कन्या की सहमति से उसे किसी उद्देश्य, सेवा, धार्मिक कार्य या मू्ल्य रुप से वर को सौंपा जाता है।

आर्ष विवाह धर्म के लिए वर से एक या दो जोड़े गाय व बैल को लेकर कन्या को विधि-विधान से उसे सौंपना आर्ष विवाह कहलाता है।

प्रजापत्य विवाह पूजन के बाद पिता ये कहते हुए कन्या दान करते हैं कि तुम दोनों एक साथ गृहस्थ धर्म का पालन करो।

असुर विवाह कन्या के पिता या परिवार को धन या अन्य संपत्ति देकर मनमर्जी से कन्या को ग्रहण करना असुरी विवाह कहलाता है।

गांधर्व विवाह कन्या व वर की आपसी इच्छा से जो विवाह होता है उसे गांधर्व विवाह कहते हैं। यह वर्तमान प्रेम विवाह की तरह है।

राक्षस विवाह जब कन्या से मारपीट करते हुए उसका जबदस्ती अपहरण कर विवाह कराया जाए को ये राक्षस विवाह होता है।

पिशाच विवाह ये विवाह निम्न कोटि में आता है। इसमें सहमति के बिना धोखे या फिर बेहोशी की हालत में विवाह किया जाता है।

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