इंदिरा एकादशी कब है, पितरों की कृपा पाने के लिए ऐसा करें पूजा
इंदिरा एकादशी का महत्व सभी एकादशियों में से ज्यादा होता है। क्योंकि इस दिन खास तौर पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा अर्चना की जाती है।
इंदिरा एकादशी की शुरुआत 27 सितंबर को दोपहर 1.19 से होगी और समापन 28 सितंबर दोपहर 2.50 पर होगा। हिंदू धर्म में व्रत और त्यौहार को उदया तिथि के साथ मनाया जाता है।
ऐसे में इंदिरा एकादशी को 28 सितंबर को मनाया जाएगा। विष्णु पुराण में इसके बारे में बताया गया है कि इंदिरा एकादशी का व्रत करने से इंसान को पृथ्वी लोक पर सभी सुखों की प्राप्ति होती है।
मृत्यु उपरांत इंसान को उच्च लोक की प्राप्ति होती है। ये श्राद्ध पक्ष में आती है। इसलिए इस दिन खास तौर पर पितरों की आत्मा की शांति के लिए पूजा पाठ और पिंडदान तर्पण किए जाते हैं।
इंदिरा एकादशी के व्रत और पूजा की विधि अन्य बाकी एकादशियों की तरह ही हैं। लेकिन सिर्फ अंतर ये है कि इस एकादशी पर भगवान विष्णु के स्वरूप शालिग्राम की पूजा की जाती है।
इस दिन स्नान आदि करके सुबह भगवान विष्णु के सामने व्रत और पूजा का संकल्प लेना चाहिए। अगर पितरों को इस व्रत का पुण्य देना चाहते हैं तो संकल्प भी बोलें।
इसके बाद भगवान शालिग्राम की पूजा करें। शालिग्राम को पंचामृत से स्नान कराएं। पूजा में अबीर, गुलाल, अक्षत, यज्ञोपवीत, फूल होने चाहिए। इसके साथ ही तुलसी जरूर चढ़ाएं।
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