काल भैरव को क्यों चढ़ाई जाती है शराब

WRITTEN BY Team Bhakt Vatsal 25th Nov 2024

महाकाल की नगरी उज्जैन में स्थित बाबा भैरव मंदिर अपने अनोखे चमत्कार के लिए प्रसिद्ध है।

यहां शिवजी के पांचवे अवतार कहे जाने वाले काल भैरव की 6 हजार साल पुरानी मूर्ति स्थापित है।

इस मंदिर में काल भैरव को मदिरा अर्पित किया जाता है, जो धीरे-धीरे गायब भी हो जाता है।

ये चमत्कार वैज्ञानिकों को भी आश्चर्यचकित कर देता है। मार्गशीर्ष कृष्ण अष्टमी पर काल भैरव जयंती मनाई जाती है।

काल भैरव को तामसिक प्रवृत्ति के देवता माना जाता है। इसलिए उन्हें शराब का भोग लगता है, जो बुराइयों को समाप्त करता है।

यहां शराब चढ़ाना संकल्प और शक्ति का प्रतीक माना जाता है, लेकिन इसे प्रसाद के रूप में नहीं लिया जाता है।

मान्यताओं के अनुसार, रविवार को काल भैरव को शराब अर्पित करने से जीवन की परेशानियां दूर होती हैं।

आपको जानकर हैरानी होगी कि यहां पर रोजाना लगभग 2000 बोतल शराब का भोग लगाया जाता है।

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