कंस वध का पर्व कैसे मनाया जाता है, जानें विधि

WRITTEN BY Team Bhakt Vatsal 10th Nov 2024

कंस वध पर्व कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष की दसवीं तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व अधर्म पर धर्म की जीत का प्रतीक है।

कंस एक अत्याचारी राजा था। अपने अत्याचारों से उसने प्रजा को परेशान करके रखा था।

भगवान कृष्ण ने कंस का वध करके मथुरा की प्रजा को उसके अत्याचारों से मुक्ति दिलाई थी।

इसी की याद में यह पर्व हर साल कार्तिक महीने में शुक्ल पक्ष के दसवें दिन मनाया जाता है।

कंस वध की पूर्व संध्या पर सभी भक्त राधा रानी और भगवान कृष्ण की उपासना करते हैं।

देवताओं को खुश करने के लिए कई तरह के व्यंजन और मिठाइयां बनाई जाती हैं।

कंस की एक मूर्ति तैयार की जाती है। इसके बाद भक्त इसे बुराई पर अच्छाई की जीत के प्रतीक के रूप में जला देते हैं।

यह पर्व दर्शाता है कि बुराई कम समय के लिए रहती है और अंततः हमेशा सच्चाई और भलाई की जीत होती है।

भगवान श्रीकृष्ण को इस वजह से करना पड़ा था अपने ही मामा कंस का वध