कौन होते हैं हठयोगी, क्यों देते हैं शरीर को कष्ट?

WRITTEN BY Team Bhakt Vatsal 10th Feb 2025

कुंभ के मेले में अधिकतर साधु-संंतों को अजब-गजब मुद्रा में योग करते देखा जा सकता है।

महाकुंभ मेले के दौरान कोई ध्यान मुद्रा में, कोई कांटों पर बैठकर अपने आराध्य का ध्यान करता है।

सनातन परंपरा में साधुओं द्वारा किए जाने वाले इस कठिन तप को हठयोग के नाम से जाना जाता है।

साधु-संत इंद्रियों और मन पर नियंत्रण पाने के लिए हठयोग करते हुए अपने शरीर को कष्ट देते हैं।

वे बलपूर्वक अपने आराध्य की कृपा पाने या फिर किसी सिद्धि को प्राप्त करने का प्रयास करते हैं।

साधु-संत साधना की दृष्टि से हठ करते हैं, जिससे साधना सफल होती है और सिद्धि प्राप्त होती है।

हठयोग साधना को करने के लिए शुद्ध और निष्काम भावना से अपने मन को बलपूर्वक मोड़ना है। 

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