क्या मृत्यु के बाद पुनर्जन्म मिलता है, जानें रहस्य

WRITTEN BY Team Bhakt Vatsal 18th Nov 2024

गरुड़ पुराण के अनुसार, मनुष्य द्वारा किए गए कर्म ही उसकी आत्मा के सफर और अगले जन्म को तय करते हैं।

उल्लेख है कि अच्छे कर्म करने से आत्मा जन्म मृत्यु के बंधनों से मुक्त हो जाएगी और मोक्ष की प्राप्ति होगी।

लेकिन इसके लिए पहले मनुष्य को पूर्वजन्मों के कर्म के बंधन से मुक्त होना बहुत ही जरूरी है।

दरअसल, बुरे कर्मों से लोगों का पुनर्जन्म होता है और उनकी आत्मा पृथ्वी लोक पर विभिन्न रूप में जन्म लेकर भटकती है।

आपने देखा होगा कि जो लोग अच्छे हैं। उन्हें भी जीवन में कष्ट भोगने पड़ते हैं। यह उन लोगों के पूर्वजन्म के कर्म होते हैं।

शास्त्रों के अनुसार, पुनर्जन्म मृत्यु के तीसरे दिन से लेकर 40 दिन में होता है।

वही उपनिषदों के अनुसार एक क्षण से भी कम समय में आत्मा एक शरीर छोड़े तुरंत दूसरे शरीर को धारण कर लेती है।

अगले जन्म में आप किस जाति या योनि में जन्म लेंगे। यह भी आपके कर्म फल पर निर्भर होता है।

पुनर्जन्म के कर्मों के अनुसार, वनस्पति जाति, पशु जाति, पक्षी जाति और मनुष्य जाति में जन्म होता है।

यजुर्वेद में कहा गया कि शरीर छोड़ने के पश्चात, जिन्होंने तप-ध्यान किया है वो ब्रह्मलोक चले जाते हैं।

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