मां लक्ष्मी का पांचवा स्वरूप संतान लक्ष्मी, जानें महिमा और धार्मिक महत्व
देवी लक्ष्मी की उत्पत्ति समुद्र मंथन से हुई थी। लेकिन इसके बाद भी देवी ने आठ अलग स्वरूपों में अवतार लिया।
मां लक्ष्मी के स्वरूपों को अष्ट लक्ष्मी कहा जाता है। मां का पांचवा स्वरूप संतान लक्ष्मी हैं।
जैसा कि नाम से ही स्पष्ट है यह संतान सुख प्रदान करने वाली देवी हैं।
श्रीमद्देवीभागवत पुराण के अनुसार लक्ष्मी जी का पांचवा स्वरुप देवी स्कंदमाता का ही एक स्वरूप हैं, जिन्हें संतान लक्ष्मी भी कहा गया है।
संतान लक्ष्मी की चार भुजाएं हैं। जिनमें से माता ने दो भुजाओं में कलश और दो में तलवार और ढाल धारण किया है।
इनकी गोद में कुमार स्कंद बालक रूप में विराजमान हैं। इसलिए इनको स्कंदमाता भी कहा जाता है।
संतान सुख की कामना रखने वाले लोगों को मां संतान लक्ष्मी की पूजा करनी चाहिए।
ऐसा कहा जाता है कि संतान लक्ष्मी मां अपने भक्तों का बच्चे की तरह ध्यान रखती हैं।