महाकुंभ की विशेष परंपरा है कल्पवास
WRITTEN BY
Team Bhakt Vatsal
24th Dec 2024
सनातन धर्म में कुंभ मेले को बहुत महत्वपूर्ण माना गया है। कुंभ मेले के दौरान व्यक्ति कल्पवास का व्रत रखते हैं।
प्रयाग के संगम तट पर एक माह रहकर लोग कल्पवास करते हैं। यह परंपरा सदियों से चली आ रही है।
कल्पवास के दौरान व्यक्ति को बहुत कड़े नियमों का पालन करते हुए कल्पवास का समय पूर्ण करना होता है।
कल्पवास के दौरान व्यक्ति को एक निश्चित समय अवधि के लिए संगम के तट के किनारे कुटिया में रहना होता है।
इस काल में घर गृहस्थी की चिंता से मुक्त रहना चाहिए, अपना ध्यान सत्संग और भागवत भजन में लगाना चाहिए।
कल्पवास के दौरान तुलसी पूजा का विधान है और व्यक्ति को सिर्फ एक समय भोजन ग्रहण करना चाहिए।
कल्पवास के दौरान मिथ्या झूठ नहीं बोलना चाहिए और धूम्रपान, तम्बाकू के सेवन से दूर रहना चाहिए।
कल्पवास के दौरान पूजा की विधि
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