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Team Bhakt Vatsal 9th October 2024

अक्टूबर में इन तिथियों पर न करें शुभ काम, हो सकते हैं बुरे परिणाम

ज्योतिष शास्त्र में भद्रा विष्टि करण के बारे में विस्तार से बताया गया है कि इस अवधि में किसी भी नए कार्य की शुरुआत नहीं करनी चाहिए। मान्यता है कि ऐसा करने से सफलता नहीं मिलती है।

भद्रा विष्टि करण के दौरान किसी को भी सगाई, विवाह, गृह प्रवेश, नए घर का निर्माण, शुभ यात्रा, कोई नया प्रोजेक्ट शुरू नहीं करना चाहिए। भद्रा सूर्य की पुत्री और शनि की बहन है।

6 अक्टूबर को भद्रा विष्टि करण का योग 8 बजकर 52 मिनट से 7 अक्टूबर को 9 बजकर 50 मिनट तक है।

10 अक्टूबर को भद्रा विष्टि करण का योग दोपहर 12 बजकर 31 मिनट से 11 अक्टूबर को मध्य रात्रि 12 बजकर 30 मिनट तक हैं। फिर 13 अक्टूबर को भद्रा विष्टि करण का योग 7.58 से 14 अक्टूबर सुबह 6.45 तक हैं।

16 अक्टूबर को भद्रा विष्टि करण का योग रात 8.42 से 17 अक्टूबर को सुबह के 6 बजकर 48 मिनट कर है। फिर 19 अक्टूबर को भद्रा विष्टि करण का योग रात 8.20 से 20 अक्टूबर को सुबह 6.49 मिनट तक हैं।

23 अक्टूबर को भद्रा विष्टि करण का योग रात 1.29 से 23 अक्टूबर को दोपहर 1.23 तक है। फिर 26 अक्टूबर को भद्रा विष्टि करण का योग शाम 4.19 से 27 अक्टूबर को सुबह के 5 बजकर 31 मिनट तक हैं।

30 अक्टूबर को भद्रा विष्टि करण का योग दोपहर के 1 बजकर 20 मिनट से 31 अक्टूबर को मध्य रात्रि 2 बजकर 40 मिनट तक हैं।

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