पंचाग्नि अखाड़े में केवल ब्राह्मणों को दी जाती है दीक्षा
WRITTEN BY
Team Bhakt Vatsal
26th Dec 2024
सनातन धर्म में महाकुंभ सबसे बड़े आयोजनों में से एक है जो कि 13 जनवरी 2025 से आरंभ होने वाला है।
कुंभ मेले के आयोजन में दुनियाभर से लोग आते हैं। इसी में अखाड़ों के साधु-संत भी सम्मिलित होते हैं।
सनातन धर्म में मान्यता प्राप्त 13 प्रमुख अखाड़े हैं। इन्हीं अखाड़ों में से एक पंचाग्नि अखाड़े का भी धार्मिक महत्व है।
इस अखाड़े की स्थापना 11वीं शताब्दी में हुई थी। पंचाग्नि अखाड़े का इष्टदेव भगवती गायत्री को माना जाता है।
माना जाता है कि यह शैव संप्रदाय का सबसे प्राचीन अखाड़ा है। पंचाग्नि अखाड़े का मुख्यालय वाराणसी में है।
पंचाग्नि अखाड़े की सबसे खास बात यह मानी जाती है कि इसमें सिर्फ ब्राह्मणों को ही दीक्षा दी जाती है।
इस अखाड़े के साधुओं को तंत्र साधना का भी ज्ञान होता है। यह अखाड़ा को शिक्षा को भी बहुत महत्त्व देता है।
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