पितृ पक्ष में पितरों को अंगूठे से ही क्यों दिया जाता है जल, जानें महत्व
पितृ पक्ष में लोग तिथि के अनुसार अपने पूर्वजों का श्राद्ध और तर्पण करते हैं। इस दौरान पूर्वज धरती पर आते हैं और उन्हें तर्पण देने से घर में सुख शांति आती है।
पितृ पक्ष की शुरुआत रामायण और महाभारत काल से हुई थी। भगवान राम अपने पिता दशरथ का तर्पण करते समय अंगूठे से जल अर्पित करते हैं।
महाभारत के दौरान पांडवों ने भी अंगूठे से जल अर्पित किया था। अंगूठे से तर्पण का जल देने का कारण शास्त्रों में मिलता है। जिसके अनुसार मनुष्य के हाथ के अंगूठे में पितरों का वास माना जाता है।
अंगूठे को पितृ तीर्थ कहा गया है। माना जाता है कि जब तर्पण के दौरान अंगूठे से जल दिया जाता है तो सीधे पिंडों तक पहुंचता है और जब पिंडों पर जल गिरता है तभी पितरों को भोजन मिलता है।
ऐसा करने से पितृ प्रसन्न होते हैं और उनकी आत्मा को शांति मिलती है। इसलिए पितरों का तर्पण अंगूठे के द्वारा करना चाहिए। अगर किसी अन्य अंगुली से जल अर्पित करते है तो यह पितरों तक नहीं पहुंचता है।
अगर आप भी अपने पितरों का श्राद्ध या तर्पण कर रहे हैं तो नियमों का पालन जरूर करें। जिससे आपके पितरों को शांति मिले और वो प्रसन्न हो।
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