सबसे बड़ा अखाड़ा है जूना अखाड़ा, इससे जुड़ी खास बातें

WRITTEN BY Team Bhakt Vatsal 23rd Dec 2024

अखाड़ों की परंपरा आदि गुरु शंकराचार्य ने शुरू की थी। कुंभ मेले में इन अखाड़ों की संख्या 13 है।

अखाड़ों में सबसे बड़ा अखाड़ा जूना अखाड़ा माना जाता है। इस अखाड़े की स्थापना आदि गुरु शंकराचार्य ने की थी।

इस अखाड़े में 5 लाख नागा सन्यासी और महामंडलेश्वर हैं। यह अखाड़ा शैव संप्रदाय का सबसे बड़ा अखाड़ा है।

जूना अखाड़े की स्थापना वर्ष 1145 में उत्तराखंड के कर्णप्रयाग में आदि शंकराचार्य के नेतृत्व में की गई थी।

इसे भैरव अखाड़ा भी कहते हैं। इस अखाड़े के ईष्टदेव भगवान शिव और रुद्रावतार गुरु दत्तात्रेय भगवान हैं।

इनका केंद्र वाराणसी के हनुमान घाट पर माना जाता है और हरिद्वार के माया मंदिर के पास इनका आश्रम है।

शिव सन्यासी के अंतर्गत ही दशनामी संप्रदाय जुड़ा हुआ है। 7 अखाड़ों में से जूना अखाड़ा इनका खास अखाड़ा होता है।