सोमवती अमावस्या पर पितरों की पूजा कैसे करें?

WRITTEN BY Team Bhakt Vatsal 27th Dec 2024

सनातन धर्म में अमावस्या का विशेष महत्व है। सोमवार के दिन पड़ने के कारण इसे सोमवती अमावस्या कहते हैं।

ऐसा माना जाता है कि, अमावस्या के दिन भगवान शिव के साथ-साथ पितरों की कृपा भी प्राप्त की जा सकती है।

सोमवती अमावस्या पर स्नान-दान, पूजा-पाठ के साथ-साथ पितरों के लिए भी कुछ कार्य करने का विधान है।

पितरों की कृपा पाने के लिए अमावस्या तिथि उत्तम है। क्योंकि अमावस्या तिथि पितरों को समर्पित होती है।

सोमवती अमावस्या पर सुबह जल्दी उठकर सबसे पहले स्नान करने के बाद पितरों का स्मरण कर तर्पण करना चाहिए।

स्नान के बाद पीपल के पेड़ की जड़ में जल देना चाहिए। जल अर्पित करने के बाद 7 बार परिक्रमा करनी चाहिए।

इस दिन सरसों के तेल में काला तिल डालकर दिया लगाना चाहिए और ब्राह्मणों को भोजन कराना चाहिए।