सुबह 4 बजे उठते हैं कल्पवासी, एक ही टाइम मिलता है खाना
WRITTEN BY
Team Bhakt Vatsal
24th Dec 2024
महाकुंभ की शुरुआत 13 जनवरी से हो रही है। इस दौरान साधु-संतों का जत्था प्रयागराज पहुंच चुका है।
इस मेले में कई आम लोग भी कल्पवास के लिए आते हैं। कल्पवास कुंभ मेले का महत्वपूर्ण अनुष्ठान होता है।
माघ महीने में प्रयागराज के पवित्र त्रिवेणी संगम तट पर किया जाने वाला विशेष आध्यात्मिक अनुष्ठान है।
इस दौरान कुंभ के मेले में कल्पवास कर रहे व्यक्ति को सुबह 4 बजे ब्रम्हमुहूर्त में उठना पड़ता है।
कल्पवास में श्रद्धालु पवित्र संगम तट पर स्नान करते हैं। यहां का जल बेहद पवित्र माना जाता है।
स्नान करने के बाद श्रद्धालु पवित्र संगम तट की रेत से पार्थिव शिवलिंग का निर्माण करते हैं।
इसके बाद श्रद्धालु शिवलिंग की पूजा करते हैं और पूजा के बाद भगवान सूर्य को जल अर्पित हैं।
महाकुंभ की विशेष परंपरा है कल्पवास
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