WRITTEN BY Team Bhakt Vatsal 08 Nov 2024

ऊषा अर्घ्य छठ पूजा का आखिरी यानी चौथा दिन

छठ पूजा का चौथा और अंतिम दिन, उषा अर्घ्य त्योहार का सबसे महत्वपूर्ण और भावनात्मक पल होता है।

यह दिन उषा अर्घ्य को समर्पित है। व्रती महिलाएं उगते सूर्य को अर्घ्य देकर अपने व्रत का समापन करती हैं।

व्रत करने वाली महिलाएं कच्चे दूध का शरबत और थोड़ा प्रसाद लेकर व्रत को पूरा करती हैं, इसे पारण कहते है।

पारण में खीर, आटे की पूड़ी, सब्जी और फल का उपयोग किया जाता है। खीर को  को दूध, चावल और चीनी से बनाया जाता है।

पूजा समाप्त होने के बाद व्रती महिलाएं ब्राह्मणों को दान देती हैं और परिवार के सदस्यों से आशीर्वाद लेती हैं।

इसके बाद छठी माता से अपनी संतान की रक्षा और पूरे परिवार की सुख शांति का आशीर्वाद मांगती हैं।

छठ का व्रत सबसे पहले किसने रखा था, जानें शुरुआत की कहानी