वृश्चिक संक्रांति कब है? जानें तिथि, मुहूर्त और महत्व
WRITTEN BY
Team Bhakt Vatsal
16th Nov 2024
हिंदू धर्म में संक्रांति तिथि का खास महत्व है। वृश्चिक संक्रांति भगवान सूर्य देव की उपासना का दिन है।
भगवान सर्य देव जब एक राशि से दूसरी राशि में प्रवेश करते हैं तो यह घटना संक्रांति कहलाती है।
सूर्य देव मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की प्रतिपदा तिथि 16 नवंबर को सुबह 7.41 पर वृश्चिक राशि में प्रवेश करेंगे।
इस दिन पुण्य काल सुबह 6.45 मिनट से लेकर सुबह 7.41 मिनट तक है। वहीं महा पुण्य सुबह 6.45 से 7.41 तक है।
हिंदू धर्म में सभी संक्रांति की तरह वृश्चिक संक्रांति का भी खास महत्व है। इस दिन लोग नदियों में स्नान कर पूजा करते हैं।
वृश्चिक संक्रांति के दिन लोग अपने पितरों की आत्मा की शांति के लिए भी कई तरह के अनुष्ठान करते हैं।
मान्यता है कि इस दिन सूर्यदेव की पूजा और मंत्र का जाप करने से असंख्य पुण्य फल प्राप्त होते हैं।
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