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चारधाम यात्रा 2025 बेस्ट रूट

हिंदू धर्म में चारधाम यात्रा एक अत्यंत पवित्र यात्रा मानी जाती है। हर साल लाखों श्रद्धालु इन पवित्र धामों के दर्शन करने उत्तराखंड की पहाड़ियों की ओर जाते हैं। अगर आप भी कम समय में चारों धाम के दर्शन करना चाहते हैं, तो नीचे लिखा हुआ रूट आपके लिए सही विकल्प होगा।

चारधाम यात्रा 2025 टूर गाइड

चारधाम यात्रा, भारत के सबसे पवित्र तीर्थ यात्राओं में से एक मानी जाती है, जो उत्तराखंड के चार प्रमुख धार्मिक स्थलों को जोड़ती है। आमतौर पर चारधाम यात्रा हरिद्वार से शुरू होती है और लगभग 9 रातें और 10 दिन में पूरी की जाती है। यह यात्रा न केवल धार्मिक आस्था का प्रतीक है, बल्कि हिमालय की सुंदर वादियों में प्रकृति का संगम भी प्रस्तुत करती है।

चारधाम यात्रा 2025 रजिस्ट्रेशन प्रोसेस

हिंदू धर्म में चारधाम यात्रा अर्थात् ‘गंगोत्री, यमुनोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ’ की यात्रा अत्यंत पवित्र मानी जाती है। हर वर्ष लाखों श्रद्धालु इन तीर्थ स्थलों के दर्शन के लिए उत्तराखंड जाते हैं।

चारधाम यात्रा के लिए जरूरी टिप्स

अक्षय तृतीया के शुभ अवसर पर गंगोत्री और यमुनोत्री धाम के कपाट खुलने के साथ ही इस साल की चारधाम यात्रा की शुरुआत होगी। हर साल लाखों श्रद्धालु बदरीनाथ, केदारनाथ, गंगोत्री और यमुनोत्री की यात्रा करते हैं।

चारधाम यात्रा यमुनोत्री से ही क्यों शुरू होती है

अक्षय तृतीया का दिन हिंदू धर्म में बहुत पवित्र माना जाता है। साल 2025 में अक्षय तृतीया 30 अप्रैल को पड़ रही है। इसी दिन से चारधाम यात्रा की भी शुरुआत हो रही है।

चारधाम यात्रा का धार्मिक महत्व

हिंदू धर्म में चारधाम यात्रा का बहुत बड़ा महत्व माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवभूमि उत्तराखंड में स्थित इन चार पवित्र स्थानों की यात्रा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन के सारे पाप दूर हो जाते हैं।

केदारनाथ डोली यात्रा महत्व

हर शिव भक्त के लिए केदारनाथ धाम की यात्रा जीवन का एक महत्वपूर्ण सपना होती है। भगवान शिव के 12 ज्योतिर्लिंगों में से एक केदारनाथ मंदिर के दर्शन के लिए हर साल लाखों श्रद्धालु दूर-दूर से आते हैं।

चारधाम यात्रा 2025: कपाट खुलने की तिथि

हिंदू धर्म में चारधाम यात्रा को बहुत पवित्र और शुभ माना गया है। मान्यता है कि जो भी श्रद्धालु चारधाम की यात्रा पूरी करता है, उसके सभी पाप कट जाते हैं और उसे जीवन में सुख-समृद्धि मिलती है।

भगवान परशुराम के प्रमुख मंदिर

हिंदू धर्म में भगवान परशुराम एक महान ऋषि, योद्धा और भगवान विष्णु के छठे अवतार माने जाते हैं। भगवान परशुराम को परशु ‘फरसा’ धारण करने वाले ऋषि के रूप में पूजा जाता है, और उनके जीवन से जुड़े अनेक स्थल आज भक्तों के लिए विशेष तीर्थ स्थलों में से एक हैं।