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चारधाम यात्रा का धार्मिक महत्व

Apr 29 2025

Chardham Yatra: हिंदू धर्म में क्यों जरूरी मानी गई है चारधाम यात्रा? जानें इसका धार्मिक महत्व


हिंदू धर्म में चारधाम यात्रा का बहुत बड़ा महत्व माना गया है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, देवभूमि उत्तराखंड में स्थित इन चार पवित्र स्थानों की यात्रा करने से मोक्ष की प्राप्ति होती है और जीवन के सारे पाप दूर हो जाते हैं। इसलिए बहुत से लोग चाहते हैं कि वे अपने जीवन काल में कम से कम एक बार चारधाम यात्रा जरूर करें। उत्तराखंड की सुंदर वादियों में बसे ये चारधाम - यमुनोत्री, गंगोत्री, केदारनाथ और बद्रीनाथ - आध्यात्मिक अनुभव देने वाले हैं। ऐसे में आइए जानते हैं कि चारधाम यात्रा क्यों जरूरी है और क्या है इसका महत्व। 


चारधाम यात्रा कब से शुरू हो रही है? 

इस साल चारधाम यात्रा 30 अप्रैल 2025 से शुरू हो रही है। यात्रा के लिए ऑनलाइन रजिस्ट्रेशन भी शुरू हो चुके हैं। 30 अप्रैल को यमुनोत्री और गंगोत्री धाम के कपाट खुलेंगे। इसके बाद 2 मई को केदारनाथ धाम और 4 मई को बद्रीनाथ धाम के कपाट खोले जाएंगे।


चारधाम यात्रा क्या है

चारधाम यात्रा सिर्फ एक धार्मिक सफर नहीं है, बल्कि यह आत्मशुद्धि और मोक्ष प्राप्ति का रास्ता भी है। मान्यता है कि इन चार तीर्थों की यात्रा करने से जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिलती है। यह यात्रा घड़ी की सुई की दिशा में शुरू होती है, यमुनोत्री से शुरू होकर गंगोत्री, केदारनाथ और फिर बद्रीनाथ पर समाप्त होती है।


चारधाम यात्रा का क्या महत्व है

  • चारधाम यात्रा करने से व्यक्ति को मोक्ष मिल सकता है, यानी उसे फिर से जन्म नहीं लेना पड़ता।
  • धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस यात्रा के दौरान भक्त अपने सभी पापों से मुक्त हो सकते हैं।
  • यह यात्रा इंसान को एक गहरा आध्यात्मिक अनुभव देती है और मन को शांति प्रदान करती है।
  • यह यात्रा भक्तों को अलौकिक और आध्यात्मिक अनुभव प्रदान करती है, जिससे उन्हें शांति-संतुष्टि मिलती है।


जीवन में चारधाम यात्रा क्यों जरूरी है?

धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, अगर कोई व्यक्ति अपने जीवन में चारधाम की यात्रा कर लेता है, तो उसे जन्म-मरण के चक्र से मुक्ति मिल जाती है। खासकर, केदारनाथ ज्योतिर्लिंग के दर्शन और वहां का जल ग्रहण करने के बाद पुनर्जन्म का बंधन टूटने की बात कही जाती है। इसलिए कहा जाता है कि जीते जी चारधाम यात्रा जरूर करनी चाहिए।


चारधाम यात्रा का सही क्रम क्या है?

चारधाम यात्रा हमेशा एक विशेष क्रम में की जाती है ताकि यात्रा सफलतापूर्वक पूरी हो सके। यह क्रम घड़ी की सुई की दिशा में होता है जो इस प्रकार है - 

  • यमुनोत्री – यात्रा की शुरुआत यमुनोत्री धाम से होती है।
  • गंगोत्री – दूसरा पड़ाव गंगोत्री धाम है।
  • केदारनाथ – तीसरे चरण में केदारनाथ धाम के दर्शन किए जाते हैं।
  • बद्रीनाथ – आखिर में बद्रीनाथ धाम जाकर यात्रा पूरी होती है।

डिसक्लेमर

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