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व्रत एवं त्यौहार

कल्कि धाम मंदिर का इतिहास
कल्कि धाम मंदिर का इतिहास
सनातन परंपरा में भगवान विष्णु के दस अवतारों की विशेष मान्यता है। इन दस अवतारों में अंतिम अवतार ‘कल्कि अवतार’ माना गया है, जो कलयुग के अंत में अधर्म का नाश करने और धर्म की पुनः स्थापना के लिए प्रकट होंगे।
कल्कि जयंती पर ऐसे करें पूजा
कल्कि जयंती पर ऐसे करें पूजा
हिंदू धर्म में भगवान विष्णु के कल्कि अवतार को कलयुग का उद्धारकर्ता माना गया है। पुराणों के अनुसार जब कलयुग में अधर्म, अन्याय और अराजकता अपने चरम पर होगी, तब भगवान विष्णु कल्कि रूप में अवतार लेकर धर्म की पुनर्स्थापना करेंगे।
क्यों मनाई जाती है कल्कि जयंती
क्यों मनाई जाती है कल्कि जयंती
हिंदू धर्म में भगवान विष्णु को सृष्टि के पालनकर्ता के रूप में पूजा जाता है। वे समय-समय पर धरती पर अवतार लेकर धर्म की स्थापना और अधर्म के विनाश का कार्य करते हैं।
कल्कि अवतार जन्म की कथा
कल्कि अवतार जन्म की कथा
सनातन धर्म में भगवान विष्णु के दस अवतारों का विशेष महत्व है, जिनमें अंतिम अवतार कल्कि अवतार को कलयुग के अंत में होने वाला अवतार माना गया है। कल्कि जयंती उसी की प्रतीक्षा और स्मरण का पर्व है।
सावन 2025 कल्कि जयंती
सावन 2025 कल्कि जयंती
सनातन धर्म में भगवान विष्णु के दस अवतारों का विशेष स्थान है, जिनमें अंतिम अवतार के रूप में ‘कल्कि अवतार’ का वर्णन पुराणों में किया गया है।
अगस्त 2025 व्रत-त्योहार
अगस्त 2025 व्रत-त्योहार
अगस्त का महीना अपने साथ कई अनूठे अवसर और अनुभव लेकर आता है। इस समय मानसून की बारिश धीरे-धीरे कम होने लगती है और प्रकृति अपने पूरे यौवन में नजर आती है। हरियाली अपने चरम पर होती है और आसमान में बादलों की आवाजाही के बीच सूरज की किरणें एक अलग ही सौंदर्य बिखेरती हैं।
अगस्त 2025 हिंदू कैलेंडर
अगस्त 2025 हिंदू कैलेंडर
अगस्त का महीना भारत में धार्मिक और सांस्कृतिक उत्सवों का एक जीवंत समय होता है, जब प्रकृति और आस्था का अनूठा संगम देखने को मिलता है। इस माह में मानसून की बारिश से धरती हरियाली से आच्छादित हो जाती है और चारों ओर ताजगी का माहौल होता है।
नाग वंश की उत्पत्ति कैसे हुई?
नाग वंश की उत्पत्ति कैसे हुई?
नाग पंचमी हर साल पूरे श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाई जाती है। यह त्योहार नाग देवताओं की पूजा का खास अवसर होता है। लेकिन क्या आप जानते हैं कि नाग वंश की शुरुआत कैसे हुई? और कौन थे इनके माता-पिता? आइए जानते हैं इस पौराणिक कथा के बारे में।
सिर्फ नाग पंचमी पर ही खुलता है ये मंदिर
सिर्फ नाग पंचमी पर ही खुलता है ये मंदिर
मध्य प्रदेश के उज्जैन में स्थित महाकालेश्वर मंदिर अपने आप में अत्यंत प्रसिद्ध है। लेकिन इस मंदिर परिसर के ऊपर एक और खास मंदिर है, जिसका नाम है नागचंद्रेश्वर मंदिर। यह मंदिर नाग पंचमी के दिन ही भक्तों के लिए खोल दिया जाता है।
नाग पंचमी पर इन 7 मंदिरों के करें दर्शन
नाग पंचमी पर इन 7 मंदिरों के करें दर्शन
नाग देवता भारतीय संस्कृति और धर्म में बेहद महत्वपूर्ण स्थान रखते हैं। उन्हें धन, समृद्धि और सुरक्षा का प्रतीक माना जाता है। खासकर नाग पंचमी का त्योहार नागों की पूजा-अर्चना का प्रमुख अवसर होता है।
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