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पूजा विधि

Sampurna Puja Vidhi ( संपूर्ण पूजा विधि )
Sampurna Puja Vidhi ( संपूर्ण पूजा विधि )
सर्वप्रथम पूजन में भगवान गणपति का मन से स्मरण करना चाहिए,
धनतेरस पूजा विधि
धनतेरस पूजा विधि
धनतेरस का त्योहार कार्तिक मास की कृष्ण पक्ष की त्रयोदशी तिथि को मनाया जाता है। यह पर्व दीपावली का प्रथम दिन माना जाता है, जो धन, आरोग्य और समृद्धि का प्रतीक है। ‘धनतेरस’ शब्द दो शब्दों—‘धन’ और ‘तेरस’—से मिलकर बना है।
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा कैसे करें?
दिवाली पर लक्ष्मी पूजा कैसे करें?
हिंदू धर्म में दीपावली का पर्व न केवल रोशनी का त्योहार है, बल्कि यह सुख, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त करने का सर्वोत्तम अवसर भी माना जाता है।
छठ पर्व की पूजा विधि
छठ पर्व की पूजा विधि
आस्था, शुद्धता और तपस्या का महापर्व छठ पूजा कार्तिक शुक्ल पक्ष की षष्ठी को मनाया जाता है। यह पर्व मुख्य रूप से बिहार, उत्तर प्रदेश, झारखंड और नेपाल के तराई इलाकों में बड़े श्रद्धा भाव से मनाया जाता है।
गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा क्यों की जाती है?
गुरुवार को केले के पेड़ की पूजा क्यों की जाती है?
हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित होता है। इस दिन केले के पेड़ की पूजा का विशेष महत्व है क्योंकि मान्यता है कि इस पेड़ में भगवान विष्णु और माता लक्ष्मी का वास होता है।
Nag Panchami Puja Vidhi (नाग पंचमी की पूजा विधि)
Nag Panchami Puja Vidhi (नाग पंचमी की पूजा विधि)
सावन महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव और नाग देवता की पूजा के लिए बेहद खास होता है। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष, राहु-केतु दोष और ग्रहों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है।
हनुमान जयंती पूजा विधि
हनुमान जयंती पूजा विधि
हनुमान जयंती हर साल चैत्र शुक्ल पूर्णिमा को मनाई जाती है। यह दिन भगवान हनुमान के जन्मोत्सव के रूप में श्रद्धा और भक्ति के साथ मनाया जाता है।
सुंदरकांड पाठ की विधि
सुंदरकांड पाठ की विधि
हिंदू धर्म में भगवान हनुमान को संकटमोचन, बल-बुद्धि-विधाता और रामभक्ति के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि जिनके जीवन में दुःख, भय या बाधाएं लगातार बनी रहती हैं, उनके लिए हनुमानजी की शरण सबसे बड़ा सहारा है।
हनुमान जयंती मुहूर्त और पूजा-विधि
हनुमान जयंती मुहूर्त और पूजा-विधि
हनुमान जी का जन्मोत्सव हर वर्ष चैत्र शुक्ल पूर्णिमा के दिन मनाया जाता है। उनकी कृपा से व्यक्ति को सभी प्रकार की समस्याओं से छुटकारा मिल जाता है। अभिजीत मुहूर्त में पूजा करने से विशेष फल की प्राप्ति होती है।
शादी की सालगिरह पूजा
शादी की सालगिरह पूजा
शादी की सालगिरह सिर्फ एक तारीख नहीं होती, यह जीवन के उस पवित्र रिश्ते की याद दिलाती है, जिसमें दो आत्माएं साथ चलने का संकल्प लेती हैं। जैसे-जैसे साल दर साल यह बंधन मजबूत होता जाता है, वैसे-वैसे इस दिन का आध्यात्मिक महत्व भी बढ़ जाता है।
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