गुरुवार का दिन भगवान विष्णु को समर्पित है। शास्त्रों में कहा गया है कि इस दिन भगवान विष्णु की उपासना करने से न सिर्फ जीवन की परेशानियाँ दूर होती हैं, बल्कि सुख-शांति और समृद्धि भी आती है।
हिंदू धर्म में गीता को केवल एक ग्रंथ नहीं, बल्कि जीवन जीने की कला माना गया है। यह महाभारत का ही एक हिस्सा है, जिसमें भगवान श्रीकृष्ण ने कुरुक्षेत्र की रणभूमि में अर्जुन को धर्म, कर्म, नीति और जीवन के रहस्यों का उपदेश दिया।
शांति केवल बाहर के वातावरण में नहीं, हमारे भीतर भी जरूरी है। जब मन अशांत हो, जीवन में बाधाएँ बार-बार आएं या मानसिक बेचैनी बनी रहे। तब शास्त्र हमें एक उपाय बताते हैं: शांति पूजा।
हिंदू धर्म में भगवान हनुमान को संकटमोचन, बल-बुद्धि-विधाता और रामभक्ति के प्रतीक के रूप में पूजा जाता है। मान्यता है कि जिनके जीवन में दुःख, भय या बाधाएं लगातार बनी रहती हैं, उनके लिए हनुमानजी की शरण सबसे बड़ा सहारा है।
हिंदू शास्त्रों में मां लक्ष्मी को वैभव, धन, सुख और ऐश्वर्य की देवी माना गया है। ऐसी मान्यता है कि जिन पर मां लक्ष्मी की कृपा होती है, उनके जीवन में कभी दरिद्रता या संकट नहीं आता।
सनातन धर्म में श्रीरामचरितमानस का पाठ अत्यंत पुण्यदायी माना गया है। इसमें भी जब रामायण का पाठ बिना रुके, लगातार 24 घंटे किया जाए, तो उसे अखंड रामायण पाठ कहा जाता है।
महामृत्युंजय मंत्र को अत्यंत प्रभावशाली और सिद्धिदायक माना गया है। यह मंत्र भगवान शिव को समर्पित है और इसका जाप जीवन के भय, रोग, शोक और अकाल मृत्यु से रक्षा करता है। परंतु बिना विधि और नियम के मंत्र जाप करना लाभ के बजाय हानि का कारण बन सकता है।
मां दुर्गा को प्रसन्न करने का एक शक्तिशाली माध्यम है चण्डी पाठ और चण्डी हवन। यह न केवल आपके शत्रु को परास्त करता है बल्कि जीवन की सभी बाधाएं, रोग-दुःख और ग्रहदोष से भी मुक्ति दिलाता है।