कपालेश्वर मंदिर चेन्नई के प्रमुख धार्मिक स्थलों में से एक है। यह मंदिर भगवान शिव और देवी पार्वती को समर्पित है और यहां स्थित शिवलिंग को स्वयंभू माना जाता है। ऐसा माना जाता है कि इस मंदिर में दर्शन करने मात्र से भक्तों की सारी मनोकामनाएं पूर्ण हो जाती हैं।
गीता मंदिर सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर के निकट पवित्र मंदिरों में से एक है और भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है तथा मंदिर की वर्तमान संरचना 1970 में बिरला समूह द्वारा निर्मित की गई थी।
राजस्थान के धौलपुर जिले की गोद में बसी लौंगपुर पहाड़ी पर स्थित श्री लौंगपुर सिद्ध बाबा मंदिर आस्था और भक्ति का अद्भुत केंद्र है। यह मंदिर मुख्य रूप से भगवान हनुमान को समर्पित है, जिन्हें यहां "लौंगपुर वाले बाबा" के नाम से श्रद्धापूर्वक पुकारा जाता है।
पुरी जिले के पूर्वी किनारे पर स्थित काकतपुर कस्बे में मां मंगला बाट मंदिर एक प्रसिद्ध शक्तिपीठ है। पहले यह मंदिर प्राचीन प्राची नदी (जिसे सरस्वती भी कहा जाता है) के पूर्वी तट पर स्थित था।
हर बारह वर्षों में आयोजित होने वाला नासिक कुंभ मेला इस मंदिर को विशेष दर्जा प्रदान करता है। प्रशासन द्वारा संतों, महंतों और महामंडलेश्वरों की ठहरने की प्राथमिक व्यवस्था यहीं की जाती है।
दिल्ली के उत्तम नगर क्षेत्र में स्थित नव दुर्गा लाल मंदिर—जिसे लोग आम बोलचाल में ‘लाल मंदिर’ के नाम से जानते हैं। यह मंदिर आस्था, भक्ति और सांस्कृतिक परंपराओं का एक जीवंत केंद्र है। यह मंदिर मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है और भक्तों के बीच इसकी विशेष मान्यता है।
महाराष्ट्र के नासिक जिले में स्थित त्र्यंबकेश्वर ज्योतिर्लिंग मंदिर देश के प्रमुख शिव मंदिरों में से एक है। इस मंदिर से महज 500 मीटर की दूरी पर स्थित है कुशावर्त तीर्थ, जिसे गोदावरी नदी का प्रतीकात्मक उद्गम स्थल माना जाता है।