बिरला गीता मंदिर, गुजरात (Birla Geeta Mandir, Gujarat)

दर्शन समय

6AM - 6 PM

बिरला गीता मंदिर से स्वर्ग गए थे श्रीकृष्ण, मंदिर में 18 स्तंभ पर लिखी है गीता 


गीता मंदिर सोमनाथ ज्योतिर्लिंग मंदिर के निकट पवित्र मंदिरों में से एक है और भगवान श्री कृष्ण को समर्पित है तथा मंदिर की वर्तमान संरचना 1970 में बिरला समूह द्वारा निर्मित की गई थी। गीता मंदिर पवित्र ग्रंथ भगवत गीता के चित्रण तथा भगवान कृष्ण की दीवार चित्रों के लिए प्रसिद्ध है। मंदिर में 18 स्तंभ हैं तथा प्रत्येक स्तंभ पर भगवत गीता का एक अध्याय अंकित है।

पौराणिक कथा


पौराणिक कथाओं के अनुसार, गीता मंदिर उस स्थान पर स्थित है, जहां भगवान कृष्ण ने भालका तीर्थ से त्रिवेणी तक की यात्रा के पश्चात, नीज धाम की यात्रा से पहले विश्राम किया था। यह घटना द्वापर युग के अंत में हुई थी, जब उन्हें एक बाण लगा था एवं भगवान कृष्ण इसी स्थान से स्वर्ग चले गए थे।


मंदिर की वास्तुकला


यह मंदिर 3 से 4 मंदिरों वाले एक छोटे से परिसर का हिस्सा है, जो त्रिवेणी संगम के बहुत पास है। वास्तव में, यह परिसर मुख्य सोमनाथ मंदिर से सोमनाथ के सभी छोटे लेकिन बहुत पवित्र हिंदू मंदिरों तक जाने वाली सड़क के अंत में हैं। इस मंदिर की विशेषता है कि मंदिर के अंदर आप अपनी ही आवाज की गूंज सुन सकते हैं।


कैसे पहुंचे


  • हवाई मार्ग -  यहां पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा अहमदाबाद का सरदार वल्लभ भाई पटेल एयरपोर्ट है। यहां से आप टैक्सी के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।
  • रेल मार्ग - यहां का निकटतम रेलवे द्वारका हैं। यहां से आप टैक्सी या बस के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।
  • सड़क मार्ग - ये जगह सभी प्रमुख सड़क मार्गों से जुड़ी हुई हैं। आप कहीं से भी आसानी से यहां पहुंच सकते हैं।
  • मंदिर का समय - ये मंदिर सुबह 6 बजे से लेकर शाम 6 बजे तक खुलता है।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।

यह भी जाने