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धर्म ज्ञान

घर में मंदिर कहां होना चाहिए?
घर में मंदिर कहां होना चाहिए?
घर का मंदिर एक पवित्र स्थान है जहां हम अपने आराध्य देवों की पूजा करते हैं। यह न केवल हमारी भक्ति के केंद्र है, बल्कि आस्था का मार्ग भी दिखाता है।
भोग लगाने के बाद ही भोजन क्यों किया जाता है?
भोग लगाने के बाद ही भोजन क्यों किया जाता है?
हिंदू धर्म में पूजा-अर्चना करने के दौरान देवी-देवताओं को भोग लगाने का विशेष महत्व है। बिना भगवान को भोग लगाए पूजा अधूरी मानी जाती है।
मांगलिक कार्यों में क्यों लगाई जाती है हल्दी?
मांगलिक कार्यों में क्यों लगाई जाती है हल्दी?
हिंदू धर्म में हल्दी को सौभाग्य का प्रतीक माना जाता है। हल्दी के बिना कोई भी धार्मिक अनुष्ठान नहीं किए जाते हैं। ज्योतिष शास्त्र में हल्दी का संबंध देवगुरु बृहस्पति से बताया गया है। इतना ही नहीं किसी भी पूजा-पाठ में हल्दी सबसे महत्वपूर्ण सामग्री मानी जाती है।
शिव जी को बेलपत्र क्यों चढ़ाया जाता है?
शिव जी को बेलपत्र क्यों चढ़ाया जाता है?
हिंदू धर्म में भगवान शिव को दया और करुणा का सागर माना जाता है। महादेव का स्वभाव बेहद भोला है, इसलिए उन्हें भोलेनाथ भी कहा जाता है। जो भी भक्त सच्चे मन से भगवान शिव की आराधना करता है, उसका कल्याण निश्चित होता है।
धूप और अगरबत्ती क्यों जलाई जाती है?
धूप और अगरबत्ती क्यों जलाई जाती है?
सनातन धर्म में सभी देवी-देवताओं की पूजा में विशेष रूप से धूपबत्ती जलाने की परंपरा है। बिना धूपबत्ति के पूजा-पाठ अधूरी मानी जाती है। ऐसा कहा जाता है कि धूपबत्ती जलाने से घर में सकारात्कता का संचार होता है और व्यक्ति के जीवन में भी शुभता आती है।
दक्षिणमुखी घर में पूजा क्यों नहीं होती?
दक्षिणमुखी घर में पूजा क्यों नहीं होती?
अपना घर बनाते समय दिशा का चुनाव बहुत महत्वपूर्ण है। वास्तु शास्त्र के अनुसार, दक्षिण दिशा को यमराज से जोड़ा जाता है और दक्षिण मुखी घर अशुभ माना जाता है।
हाथ जोड़कर ही क्यों करते हैं प्रार्थना?
हाथ जोड़कर ही क्यों करते हैं प्रार्थना?
ईश्वर से जुड़ने और अपनी भावनाओं को व्यक्त करने के अपने खास तरीके हैं। हिंदू धर्म में, प्रार्थना करते समय आंखें बंद कर लेना और हाथ जोड़कर खड़े होते हैं। हाथ जोड़ना सिर्फ एक नमस्कार नहीं है, बल्कि यह विनम्रता, सम्मान और आभार का प्रतीक है।
भगवान को पंचामृत से स्नान क्यों कराते हैं?
भगवान को पंचामृत से स्नान क्यों कराते हैं?
हिंदू धर्म में पंचामृत का विशेष महत्व है। यह एक पवित्र मिश्रण है जिसे पूजा-पाठ में और विशेष अवसरों पर भगवान को अर्पित किया जाता है। पंचामृत में दूध, दही, घी, शहद और शक्कर शामिल होते हैं। इन पांच पवित्र पदार्थों को मिलाकर बनाया गया पंचामृत भगवान को प्रसन्न करने और भक्तों की मनोकामनाएं पूरी करने का एक महत्वपूर्ण साधन माना जाता है।
मंदिर में प्रवेश से पहले पैर धोना क्यों आवश्यक है?
मंदिर में प्रवेश से पहले पैर धोना क्यों आवश्यक है?
मंदिर में प्रवेश के मुख्य नियमों में से एक है, प्रवेश से पहले पैरों को धोना। माना जाता है कि चाहे हम तन और मन से कितने ही शुद्ध क्यों न हों, मंदिर में प्रवेश से पूर्व हाथों के साथ-साथ पैरों को धोना अत्यंत आवश्यक होता है।
रंगोली क्यों बनाई जाती है?
रंगोली क्यों बनाई जाती है?
सनातन धर्म में रंगों को हमेशा से पवित्र माना गया है। रंगोली, न सिर्फ हमारे घरों को सजाती है बल्कि वैज्ञानिक रूप से भी हमारे मन को शांत और खुशहाल बनाती है।
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