मंत्र

मासिक शिवरात्रि मंत्र

कई साधक मासिक शिवरात्रि पर भगवान शिव के निमित्त व्रत भी रखते हैं। यह तिथि भोलेनाथ की कृपा प्राप्ति के लिए काफी उत्तम मानी जाती है।

रविवार को किन मंत्रों का जाप करें?

हिंदू धर्म में भगवान सूर्य को धरती के प्रत्यक्ष देवता माना जाता है। वे नवग्रहों के अधिपति, सौरमंडल के स्वामी और सभी राशियों के शासक हैं। सूर्य देव ऊर्जा, शक्ति और सकारात्मकता के प्रतीक हैं।

शनिवार को किन मंत्रों का जाप करें?

शनिवार शनिदेव की पूजा-अर्चना के लिए सबसे महत्वपूर्ण माना गया है। शनिदेव को न्याय के देवता और कर्मफल दाता के रूप में जाना जाता है।

शुक्रवार को किन मंत्रों का जाप करें?

ज्योतिष शास्त्र के अनुसार शुक्रवार का दिन सुख, समृद्धि और वैभव के प्रतीक शुक्र देव की उपासना के लिए शुभ माना जाता है। इस दिन मां लक्ष्मी की विशेष पूजा-अर्चना करने से धन और सुख-संपत्ति में वृद्धि होती है।

गुरुवार को किन मंत्रों का जाप करें?

सनातन धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु और देवगुरु बृहस्पति को समर्पित है। इस दिन श्रद्धा से पूजा, व्रत और दान करने से जीवन की सभी समस्याएं समाप्त होती हैं।

बुधवार को किन मंत्रों का जाप करें?

भगवान गणेश को विघ्नहर्ता कहा जाता है। किसी भी शुभ काम को शुरू करने से पहले गणेश भगवान को याद किया जाता है, ताकि उस काम में कोई बाधा न आए।

मंगलवार को किन मंत्रों का जाप करें?

सनातन धर्म में मंगलवार का दिन हनुमान जी को समर्पित माना गया है। इस दिन विधिपूर्वक पूजा और व्रत करने से जातक की आर्थिक तंगी, शारीरिक पीड़ा और मानसिक तनाव समाप्त हो जाते हैं।

मां दुर्गा के पवित्र मंत्र

मार्गशीर्ष माह की दुर्गाष्टमी का दिन मां दुर्गा की आराधना और भक्ति के लिए अत्यंत शुभ माना जाता है। इस साल मार्गशीर्ष दुर्गाष्टमी 8 दिसंबर 2024, रविवार को पड़ रही है।

मासिक शिवरात्रि: भगवान शिव नमस्काराथा मंत्र

हिंदू पंचांग के अनुसार प्रत्येक माह कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी को मासिक शिवरात्रि मनाई जाती है। इस दिन भगवान शिव की पूजा और व्रत का विशेष महत्व है। नवंबर माह की शिवरात्रि मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष में पड़ती है, और यह दिन भोलेनाथ को प्रसन्न करने का उत्तम अवसर है।

शाबर मंत्र क्यों पढ़ने चाहिए?

शाबर मंत्र भगवान शिव की विशेष कृपा का प्रतीक हैं, जो मनुष्य की समस्याओं को सहजता से हल करने के लिए बनाए गए। ये मंत्र संस्कृत के कठिन श्लोकों के विपरीत, क्षेत्रीय भाषाओं और बोली में रचे गए हैं, जिससे हर कोई इन्हें आसानी से पढ़ और उपयोग कर सकता है।