हिंदू पंचांग के अनुसार, वैशाख अमावस्या वैशाख मास की अंतिम तिथि है, जिसे धार्मिक और आध्यात्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना गया है। यह दिन पितरों की शांति, पितृ दोष के निवारण, सुख-समृद्धि और मोक्ष की प्राप्ति के लिए बेहद लाभदायक तिथि माना जाता है। साथ ही, इस दिन भगवान विष्णु और पितृ देव की पूजा का विशेष महत्व होता है। ऐसा कहा जाता है कि इस दिन विधि पूर्वक मंत्र जाप और तर्पण करने से जीवन के सभी कष्ट दूर हो जाते हैं और सभी शारीरिक रोगों से मुक्ति मिलती हैं।
‘ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर’ मंत्र का जाप शांत वातावरण में बैठकर 108 बार करें। इस मंत्र का जाप सांसारिक सुखों और समृद्धि की प्राप्ति के लिए अत्यंत प्रभावशाली माना गया है। साथ ही, इस मंत्र का उच्चारण करने से जीवन में सुख, धन और संतोष की प्राप्ति होती है।
‘ॐ नारायणाय विद्महे। वासुदेवाय धीमहि, तन्नो विष्णु प्रचोदयात्’ मंत्र का जाप रुद्राक्ष की माला से कम से कम 108 बार करना शुभ माना जाता है। यह विष्णु गायत्री मंत्र भगवान विष्णु को समर्पित है। इस मंत्र से भक्तों के अंदर सकारात्मक ऊर्जा का संचार होता है और आध्यात्मिक उन्नति भी होती है।
तेरी मुरली की मैं हूँ गुलाम, मेरे अलबेले श्याम
अलबेले श्याम मेरे मतवाले श्याम ॥
थारो खूब सज्यो दरबार,
म्हारा बालाजी सरकार,
थोड़ा देता है या ज्यादा देता है,
हमको तो जो कुछ भी देता,
ठुमक चलत रामचंद्र,
ठुमक चलत रामचंद्र,