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गुरुवार के मंत्र

गुरुवार के मंत्र

Guruvar ke mantra: भगवान विष्णु की पूजा के समय करें इन मंत्रों का जप, हर मनोकामना होगी पूरी

Vishnu Ji Ke Mantra: हिंदू धर्म में गुरुवार का दिन भगवान विष्णु, बृहस्पति देव और संतों को समर्पित माना जाता है। इसे धार्मिक दृष्टि से अत्यंत शुभ माना जाता है। इस दिन यदि श्रद्धा और नियमपूर्वक कुछ खास मंत्रों का जाप किया जाए, तो जीवन में सुख, शांति, धन और वैवाहिक सुख की प्राप्ति होती है। इसके अलावा मान्यता है कि इन दिन भगवान विष्णु के मंत्रो का जाप करने से जीवन की सभी परेशानियां दूर हो जाती हैं। ऐसे में आइए जानते हैं गुरुवार के प्रमुख मंत्र, उनका महत्व और सही विधि से जाप करने के आसान तरीके।

क्यों खास होता है गुरुवार?

गुरुवार के दिन देवताओं के गुरु बृहस्पति देव की पूजा की जाती है। वे ज्ञान, बुद्धि, शिक्षा और भाग्य के देवता हैं। ऐसी मान्यता है कि जिनकी कुंडली में गुरु कमजोर स्थिति में होता है या विवाह, संतान और करियर में रुकावटें आ रही होती हैं, उन्हें गुरुवार के दिन मंत्र जाप करने और व्रत रखने से विशेष लाभ मिलता है।

मंत्र जाप करने की सही विधि

  • गुरुवार के दिन सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और पीले वस्त्र पहनें।
  • पूर्व दिशा की ओर मुख करके पूजा स्थल पर बैठें।
  • एक पीले रंग का आसन बिछाकर भगवान विष्णु या बृहस्पति देव की तस्वीर या मूर्ति के सामने दीपक जलाएं।
  • केसर, चंदन और पीले फूलों से पूजा करें।
  • चने की दाल और केले का भोग अर्पित करें।
  • उसके बाद ऊपर बताए गए मंत्रों में से किसी एक या सभी मंत्रों का जाप 108 बार करें। चाहें तो तुलसी की माला का प्रयोग करें।

गुरुवार के मंत्र और उनके लाभ

ॐ बृहस्पतये नमः

यह मंत्र बृहस्पति देव को प्रसन्न करने का सर्वश्रेष्ठ मंत्र माना जाता है। मान्यता है कि इसका नियमित रूप से 108 बार जाप करने से भाग्य मज़बूत होता है, विवाह योग बनते हैं और करियर में सफलता मिलती है।

ॐ नमो भगवते वासुदेवाय

यह भगवान विष्णु का महामंत्र है। मान्यता है कि गुरुवार के दिन इसका जाप करने से मानसिक शांति मिलती है और घर में सुख-शांति और समृद्धि का वास होता है।

ॐ गुरवे नमः

यह मंत्र गुरु तत्व को समर्पित है। विद्यार्थी, शिक्षक और आध्यात्मिक साधक इसके माध्यम से ज्ञान, बुद्धि और दृष्टि की प्राप्ति कर सकते हैं।

देवताओं के गुरु बृहस्पति का बीज मंत्र

ॐ ग्रां ग्रीं ग्रौं सः गुरवे नमः

यह शक्तिशाली बीज मंत्र बृहस्पति की कृपा पाने और उनकी दशा से राहत पाने के लिए अत्यंत लाभकारी माना जाता है।

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वन में चले रघुराई,
संग उनके सीता माई,

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वृन्दावन हम चलेंगे राधे राधे गाते गाते,
वृन्दावन हम चलेंगे राधे राधें गाते गाते,

वृंदावन जाने को जी चाहता है (Vrindavan Jane Ko Jee Chahta Hai)

वृंदावन जाने को जी चाहता है,
राधे राधे गाने को जी चाहता है ।

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वृन्दावन में हुकुम चले,
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