हिंदू धर्म में सोमवार का विशेष महत्व है क्योंकि यह दिन भगवान शिव को समर्पित है। शिव जी को महादेव, शंकर और भोलेनाथ जैसे कई नामों से जाना जाता है। उन्हें परम तपस्वी और ध्यान के देवता माना जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, सोमवार के दिन उनकी पूजा करने से जीवन की अनेक समस्याएं दूर होती हैं, विशेष रूप से मानसिक तनाव और कर्ज से छुटकारा मिलता है। मान्यता है कि इस दिन भगवान शिव जी की सच्चे मन से की गई आराधना से सुख, शांति और समृद्धि प्राप्त होती है। अगर आप भी जीवन में व्याप्त सभी प्रकार के दुखों से निजात पाना चाहते हैं और भगवान शिव की कृपा पाना चाहते हैं, तो सोमवार के दिन पूजा के समय इन मंत्रों का जाप करें। इन मंत्रों के जाप से समस्त प्रकार के दुख दूर हो जाएंगे। आइए जानते हैं...
भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए मंत्रों का जाप सबसे प्रभावशाली तरीका माना गया है। खासतौर पर सोमवार को किए गए मंत्र जाप से व्यक्ति के जीवन में सकारात्मक बदलाव आते हैं। शिव जी के अलग-अलग मंत्र अलग-अलग समस्याओं से छुटकारा दिलाते हैं। इन मंत्रों का जाप करने से मानसिक मिलती है और आर्थिक स्थिति में भी सुधार होता है।
1. ॐ नमः शिवाय
यह सबसे सरल और शक्तिशाली शिव मंत्र है। इसका नियमित जाप करने से हर तरह की परेशानी दूर होती है और आत्मबल मिलता है।
2. ऊं पषुपताय नमः
मान्यता है कि इस मंत्र का जाप करने से धन संबंधी समस्याओं से छुटकारा दिलाता है और आर्थिक स्थिति में सुधार होता है।
3. ॐ त्र्यम्बकं यजामहे…
महामृत्युंजय मंत्र लंबी उम्र, अच्छे स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए विशेष प्रभावी है।
4. ॐ तत्पुरुषाय विद्महे…
यह शिव गायत्री मंत्र है, जिससे बुद्धि, विवेक और मानसिक शक्ति बढ़ती है।
5. ॐ नमो भगवते रुद्राय नमः
इस मंत्र का जाप सभी इच्छाओं की पूर्ति करता है और कर्ज से राहत दिलाता है।
शिव मंत्रों का जाप करते समय कुछ नियमों का पालन करना जरूरी होता है। सबसे पहले सुबह उठकर स्नान करें और स्वच्छ वस्त्र पहनें। किसी शांत और पवित्र स्थान पर बैठकर मंत्रों का उच्चारण करें। मन को एकाग्र करके श्रद्धा और भक्ति से जाप करें। इस बात का खास ध्यान रखें कि प्रतिदिन एक निश्चित संख्या में मंत्र जाप करना चाहिए, ताकि निरंतर ऊर्जा बनी रहे।
सनातन धर्म में कुंभ संक्रांति का विशेष महत्व है। इस दिन गंगा स्नान और दान करने की परंपरा है। क्योंकि, इस दिन पवित्र नदियों में स्नान के बाद दान-पुण्य करने से सूर्य देव की विशेष कृपा भी प्राप्त होती है।
हिंदू धर्म में एकादशी व्रत का विशेष महत्व है। एकादशी तिथि भगवान विष्णु को समर्पित होती है और इस दिन भगवान विष्णु संग मां लक्ष्मी की पूजा की जाती है।
माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह हिंदू वर्ष का अंतिम महीना होता है। इसके उपरांत हिंदू नववर्ष शुरू होगा। फाल्गुन के महीने को फागुन का महीना भी कहा जाता है।
माघ पूर्णिमा के बाद फाल्गुन माह की शुरुआत होती है। हिंदू पंचांग के अनुसार यह हिंदू वर्ष का अंतिम महीना होता है। इसके उपरांत हिन्दू नववर्ष आ जाएगा। फाल्गुन के महीने को फागुन का महीना भी कहा जाता है।