सनातन धर्म में हर दिन का अपना एक विशेष महत्व होता है। इन्हीं में से एक बुधवार का दिन बुद्धि, व्यापार, सुख और सौभाग्य के लिए खास माना जाता है। यह दिन विशेष रूप से भगवान श्री गणेश और बुध ग्रह को समर्पित होता है। मान्यता है कि बुधवार को विशेष मंत्रों का जाप करने से जीवन में सकारात्मक ऊर्जा आती है, निर्णय शक्ति मजबूत होती है और व्यापार में तरक्की मिलती है। ऐसे में आइए जानते हैं बुधवार के दिन किन मंत्रों का जाप करना लाभकारी माना गया है।
बुधवार का संबंध ग्रहों में बुध ग्रह से होता है, जो बुद्धि, वाणी, व्यापार और संचार का प्रतिनिधित्व करता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, इस दिन श्री गणेश की पूजा करने से रुकावटें दूर होती हैं और कार्य में सफलता मिलती है। जो लोग नौकरी या व्यापार में बाधाओं का सामना कर रहे हैं, उनके लिए बुधवार का दिन अत्यंत शुभ माना जाता है। साथ ही, ऐसा माना जाता है कि इस दिन विशेष मंत्रों का जाप करने से मन शांत रहता है और धन संबंधी परेशानियों से राहत मिलती है।
मंत्र जाप के लिए बुधवार की सुबह स्नान करके हरे वस्त्र पहनना शुभ माना जाता है। बता दें कि हरे रंग का वस्त्र और मूंग की दाल का भोग बुधवार से जुड़े ग्रह और देवताओं को प्रिय है। इस दिन शांत वातावरण में आसन पर बैठकर, मन को स्थिर कर इन मंत्रों का जाप करें। बता दें कि मंत्रों का जाप कम से कम 11, 21 या 108 बार करना शुभ माना जाता है। हर दिन नियमित रूप से इन मंत्रों का जाप करने से सकारात्मक परिवर्तन महसूस होंगे।
1. ॐ गं गणपतये नमः
2. ॐ वक्रतुण्डाय विद्महे, लम्बोदराय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्:
3. ॐ महागणेशाय नमः:
4. ॐ वक्रतुण्ड महाकाय सूर्यकोटि समप्रभ। निर्विघ्नं कुरु मे देव सर्वकार्येषु सर्वदा॥:
5. ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा:
6. ॐ ह्रीं श्रीं क्लीं चिरचिर गणपतिवर वर देयं मम वाँछितार्थ कुरु कुरु स्वाहा:
7. ॐ गणेशाय नमः:
8. ॐ श्री गणेशाय नमः:
9. ॐ एकदन्ताय विद्महे, वक्रतुण्डाय धीमहि, तन्नो दंती प्रचोदयात्:
10. ॐ श्रीं गं सौभ्याय गणपतये वर वरद सर्वजनं में वशमानय स्वाहा:
हिंदू विवाह से पहले कई रस्में और परंपराएं निभाई जाती हैं, जो दूल्हा-दुल्हन के लिए बेहद खास और यादगार होती हैं। ये रस्में न केवल दोनों परिवारों को एक-दूसरे के करीब लाती हैं, बल्कि विवाह के पवित्र बंधन की शुरुआत भी करती हैं। इनमें पारंपरिक गीत, नृत्य और अनुष्ठान शामिल होते हैं, जो विवाह उत्सव को और भी रंगीन व यादगार बना देते हैं।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की सप्तमी तिथि है। वहीं आज बुधवार का दिन है। इस तिथि पर स्वाति नक्षत्र और वृद्धि योग का संयोग बन रहा है।
मार्च का महीना हिंदू पंचांग के अनुसार फाल्गुन और चैत्र महीने में बंटा होता है। इस महीने में प्रकृति अपने रंग-बिरंगे रूप में नज़र आती है। वसंत ऋतु की शुरुआत होती है और प्रकृति नए जीवन से भर जाती है।
पंचांग के अनुसार फाल्गुना माह के कृष्ण पक्ष की अष्टमी तिथि है। वहीं आज गुरुवार का दिन है। इस तिथि पर शतभिषा नक्षत्र और ध्रुव योग का संयोग बन रहा है।