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श्री भीड़ भंजन महादेव मंदिर, सोमनाथ (Shri Bhidbhanjan Mahadev Temple, Somnath)

श्री भीड़ भंजन महादेव मंदिर, सोमनाथ (Shri Bhidbhanjan Mahadev Temple, Somnath)
पूजाचार्य भव बृहस्पति ने करवाया था भीड़ भंजन महादेव मंदिर का निर्माण

गुजरात के सोमनाथ के हृदय में स्थित भीड़ भंजन महादेव मंदिर एक दिव्य अभ्यारण्य है जो आध्यात्मिक शांति की तलाश करने वाले तीर्थ यात्रियों और पर्यटकों दोनों को आकर्षित करता है। भगवान शिव और भगवान गणेश के भीड़ भंजन रुप  को समर्पित, यह मनमोहक मंदिर ऐतिहासिक महत्व से भरा हुआ है, माना जाता है कि इसका निर्माण सोमनाथ के पूजाचार्य श्री भव बृहस्पति ने करवाया था। महादेव मंदिर के साथ ही हर्षित माता का मंदिर भी इसी से जुड़ा हुआ हैं।

मंदिर की वास्तुकला


जैसे ही आप मंदिर में प्रवेश करेंगे, आपको जटिल नक्काशी और वास्तुशिल्प दिखाई देंगे जो क्षेत्र की समृद्ध सांस्कृतिक विरासत को दर्शाते हैं। हवा में व्याप्त आध्यात्मिक ऊर्जा शांति और शांति की गहन भावना पैदा करती है, जो आगंतुकों को रोजमर्रा की जिंदगी की हलचल से दूर एक शांत विश्राम प्रदान करती है। मंदिर के समुद्र के पास होने की वजह से इसकी सुंदरता और बढ़ जाती है। 

मंदिर के धार्मिक उत्सव


मंदिर के सांस्कृतिक और धार्मिक उत्सव इसके आकर्षण को और बढ़ाते हैं, दूर-दूर से भक्तों को अनुष्ठानों और समारोहों में भाग लेने के लिए आकर्षित करते हैं जो श्रद्धा की भावना को और बढ़ावा देते हैं। भगवान गणेश के भीड़ भंजन रुप और भगवान शिव के शशिभूषण रुप का सामंजस्यपूर्ण मिश्रण आगंतुकों को एक अद्वितीय आध्यात्मिक अनुभव का आशीर्वाद देता है।

कैसे पहुंचे


  • हवाई मार्ग -  यहां पहुंचने के लिए सबसे नजदीकी हवाई अड्डा अहमदाबाद का सरदार वल्लभ भाई पटेल एयरपोर्ट है। यहां से आप टैक्सी के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।
  • रेल मार्ग - यहां का निकटतम रेलवे स्टेशन वेरावल है। यहां से आप टैक्सी के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।
  • सड़क मार्ग - ये जगह सभी प्रमुख सड़क मार्गों से जुड़ी हुई हैं। आप कहीं से भी आसानी से यहां पहुंच सकते हैं
  • मंदिर का समय -  ये मंदिर सुबह 6 बजे से लेकर 8.30 बजे तक खुला रहता है।

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आषाढ़ गुप्त नवरात्रि में करें इन मंत्रों का जप

हिंदू धर्म में गुप्त नवरात्रि का विशेष महत्व है, खासकर उन साधकों के लिए जो तंत्र, मंत्र और साधना के मार्ग पर चलते हैं। वर्ष में दो बार आने वाली गुप्त नवरात्रि, आषाढ़ और माघ माह में मां दुर्गा की दस महाविद्याओं की साधना के लिए सर्वश्रेष्ठ समय मानी जाती है।

आषाढ़ माह गुप्त नवरात्रि के उपाय

गुप्त नवरात्रि का समय तांत्रिक साधनाओं और दिव्य उपायों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण माना जाता है। 2025 में आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 26 जून से 04 जुलाई तक मनाई जाएगी। इस नवरात्रि से पूर्व कुछ सरल लेकिन प्रभावशाली उपाय करने से जीवन की समस्याओं का समाधान संभव होता है।

आषाढ़ गुप्त नवरात्रि व्रत कथा

हिंदू पंचांग के अनुसार, आषाढ़ गुप्त नवरात्रि 2025 में 26 जून से प्रारंभ होकर 4 जुलाई तक चलेगी। यह नवरात्रि विशेष रूप से तांत्रिक साधना, सिद्धि प्राप्ति और देवी दुर्गा की दस महाविद्याओं की उपासना के लिए जानी जाती है।

10 महाविद्याओं की 10 दिशाओं की कहानी

गुप्त नवरात्रि हिंदू धर्म की सबसे रहस्यमयी और शक्तिशाली साधनाओं में से एक मानी जाती है। यह पर्व वर्ष में माघ और आषाढ़ मास में मनाया जाता है। इसमें देवी दुर्गा के दस महाविद्याओं के रूपों की पूजा की जाती है, जो तांत्रिक साधना की दृष्टि से अत्यंत फलदायी मानी जाती हैं।

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