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नव दुर्गा लाल मंदिर, उत्तम नगर, दिल्ली (Nav Durga Lal Mandir, Uttam nagar, Delhi)

नव दुर्गा लाल मंदिर, उत्तम नगर, दिल्ली (Nav Durga Lal Mandir, Uttam nagar, Delhi)

Lal Mandir Uttam Nagar: दिल्ली के उत्तम नगर में स्थित नव दुर्गा लाल मंदिर, श्रद्धा, शक्ति और आस्था का केंद्र

दिल्ली के उत्तम नगर क्षेत्र में स्थित नव दुर्गा लाल मंदिर—जिसे लोग आम बोलचाल में ‘लाल मंदिर’ के नाम से जानते हैं। यह मंदिर आस्था, भक्ति और सांस्कृतिक परंपराओं का एक जीवंत केंद्र है। यह मंदिर मां दुर्गा के नौ रूपों को समर्पित है और भक्तों के बीच इसकी विशेष मान्यता है। नवरात्रि हो या राधा अष्टमी, मंदिर में होने वाली पूजा-अर्चना, भजन-कीर्तन और आरती से वातावरण भक्तिमय हो उठता है।

लाल रंग से जुड़ी पहचान, माँ दुर्गा की शक्ति का प्रतीक

इस मंदिर की पहचान इसकी गहरी लाल रंग की दीवारों और सज्जा से होती है, जो माँ दुर्गा के तेज और शक्ति का प्रतीक मानी जाती है। माना जाता है कि इस मंदिर की स्थापना लगभग 1980 के दशक में हुई थी और तब से यह उत्तम नगर और आस-पास के क्षेत्रों के श्रद्धालुओं के लिए आस्था का प्रमुख केंद्र बना हुआ है।

मंदिर में विराजित हैं कई देवी-देवता

हालांकि मंदिर का मुख्य केंद्र माँ नवदुर्गा हैं, लेकिन परिसर में श्रीराम दरबार, शिव परिवार, हनुमान जी, संतोषी माता, श्री राधा-कृष्ण, साईं बाबा, शीतला माता, और माँ काली की भी भव्य मूर्तियाँ स्थापित हैं। इसके अलावा मंदिर के बाहरी परिसर में शनि महाराज की प्रतिमा भी है, जिसके पास तुलसी, केले और अन्य धार्मिक पौधे लगाए गए हैं।

पूजा, आरती और विशेष आयोजन

मंदिर में प्रतिदिन सुबह और शाम 6:00 बजे आरती होती है। नवरात्रि के दौरान यहाँ नौ दिनों तक विशेष पूजा, कन्या पूजन, भजन संध्या और हवन जैसे आयोजन किए जाते हैं। राधा अष्टमी मंदिर का प्रमुख वार्षिक उत्सव है, जब हजारों की संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए उमड़ते हैं।

त्योहारों के अलावा यहां शिवरात्रि, राम नवमी, गुरुवार की साईं पूजा, और जन्माष्टमी भी पूरे उत्साह के साथ मनाई जाती है।

नव दुर्गा लाल कैसे पहुंचें?

मंदिर दिल्ली के पश्चिमी क्षेत्र उत्तम नगर के रामदत्त एन्क्लेव में स्थित है। यहां पहुंचने के लिए सबसे सुविधाजनक तरीका है उत्तम नगर ईस्ट मेट्रो स्टेशन, जहां से मंदिर की दूरी पैदल लगभग 5-7 मिनट की है। निकासी गेट संख्या 2 (पंखा रोड साइड) से बाहर निकलकर आप सीधे मंदिर तक पहुंच सकते हैं।

श्रद्धालुओं की सुविधा और अनुशासन

मंदिर परिसर में पीने के पानी की व्यवस्था, प्रसाद वितरण, और बैठने के लिए खुला हॉल उपलब्ध है। फोटो खींचने की अनुमति है, लेकिन पूजा के समय श्रद्धा और अनुशासन बनाए रखना अनिवार्य होता है।

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सीता नवमी की व्रत कथा

सीता नवमी वैशाख माह के शुक्ल पक्ष की नवमी तिथि को मनाया जाने वाला एक महत्वपूर्ण पर्व है, जो माता सीता के प्राकट्य के उपलक्ष्य में मनाया जाता है। इस दिन सुहागिन महिलाएं व्रत रखती हैं।

बगलामुखी जयंती 2025 कब है

बगलामुखी जयंती वैशाख शुक्ल अष्टमी को मनाई जाती है, जो देवी बगलामुखी को समर्पित है। वह दस महाविद्याओं में से आठवीं देवी हैं और श्री कुल से संबंधित हैं। देवी बगलामुखी को पीताम्बरा और ब्रह्मास्त्र भी कहा जाता है। उनकी साधना से स्तंभन की सिद्धि प्राप्त होती है और शत्रुओं को नियंत्रित किया जा सकता है।

मां बगलामुखी की कथा

देवी बगलामुखी 10 महाविद्याओं में से एक आठवीं महाविद्या हैं, जो पूर्ण जगत की निर्माता, नियंत्रक और संहारकर्ता हैं। उनकी पूजा करने से भक्तों को अपने शत्रुओं पर विजय प्राप्त होती है और जीवन की अनेकों बाधाओं से मुक्ति मिलती है।

परशुराम द्वादशी तिथि और मुहूर्त

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