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Krishna Pranami Mandir Delhi (कृष्ण प्रणामी मंदिर, दिल्ली)

Krishna Pranami Mandir Delhi (कृष्ण प्रणामी मंदिर, दिल्ली)

Krishna Pranami Mandir Delhi: दिल्ली का कृष्ण प्रणामी मंदिर, यहां प्रणामी परंपरा से होती है पूजा; होलिका दहन-जन्माष्टमी प्रमुख त्योहार  


श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर दिल्ली का एक प्रमुख धार्मिक स्थल है जो प्रणामी संप्रदाय के अनुयायियों के लिए एक विशेष स्थान रखता है। यह संप्रदाय भगवान श्री कृष्ण की भक्ति में विश्वास करता है और लोगों को जीवन में शांति और संतुलन प्राप्त करने के लिए प्रेरित करता है। इस मंदिर का उद्देश्य भक्तों को भक्ति और प्रेम के साथ भगवान श्री कृष्ण की उपासना करने के लिए मार्गदर्शन देना है।


शांतिपूर्ण वातावरण और भव्य वास्तुकला

मंदिर का वातावरण भक्तिमय और अत्यधिक शांति देने वाला है। यहां की वास्तुकला भी धार्मिक श्रद्धा और आत्मिक शांति की ओर मार्गदर्शन करती है। मंदिर में एक विशाल भगवान श्री कृष्ण की मूर्ति स्थापित है जहां श्रद्धालु पूजा-अर्चना करते हैं। इसके अलावा मंदिर में स्थित अन्य हिस्सों में भक्तों को ध्यान, मंत्र जाप और कीर्तन का अवसर मिलता है जिससे वे भगवान के साथ एक गहरे आत्मिक जुड़ाव का अनुभव कर सकते हैं।


प्रणामी पद्धति से पूजा अर्चना

इस मंदिर में पूजा की पद्धति प्रणामी पद्धति के अनुसार की जाती है। इसमें मंत्र जाप, कीर्तन और भजन का विशेष महत्व है। श्रद्धालु भगवान श्री कृष्ण के भव्य रूप के समक्ष अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं और जीवन में सकारात्मक बदलाव की कामना करते हैं। यह पद्धति उन लोगों के लिए बहुत उपयुक्त है जो आध्यात्मिक उन्नति और शांति की तलाश में हैं।


प्रमुख धार्मिक उत्सव

मंदिर में विशेष रूप से श्री कृष्ण जन्माष्टमी, गोवर्धन पूजा और होलिका दहन जैसे धार्मिक उत्सव मनाए जाते हैं। इन अवसरों पर यहां भव्य पूजा, रात्रि जागरण और सामूहिक कीर्तन का आयोजन होता है। इन उत्सवों के दौरान मंदिर का माहौल विशेष रूप से भक्तिमय हो जाता है और भक्तों को आनंद और संतुष्टि का अनुभव होता है।


दिल्ली में पहुंचने का आसान तरीका

श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर दिल्ली के राजनगर एक्सटेंशन क्षेत्र में स्थित है जो दिल्ली के प्रमुख स्थानों से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। यहां पहुंचने के लिए श्रद्धालु राजनगर एक्सटेंशन तक आसानी से पहुंच सकते हैं और फिर मंदिर तक पहुंचने के लिए केवल कुछ किलोमीटर की यात्रा करनी होती है। इस प्रकार यह मंदिर दिल्लीवासियों के लिए एक प्रमुख तीर्थ स्थल बन चुका है।


शांति और भक्ति का स्थल

श्री कृष्ण प्रणामी मंदिर न केवल एक धार्मिक स्थल है बल्कि यह उन लोगों के लिए एक स्थान है जहां वे शांति, संतुलन और भक्ति का अनुभव कर सकते हैं। यहां की भक्ति, पूजा पद्धतियां और धार्मिक उत्सवों ने इसे दिल्ली का एक प्रमुख तीर्थ स्थल बना दिया है। इस मंदिर में आने से भक्त न केवल भगवान श्री कृष्ण के प्रति अपनी श्रद्धा व्यक्त करते हैं बल्कि अपने जीवन को और अधिक सकारात्मक और शांतिपूर्ण बनाने की दिशा में भी कदम बढ़ाते हैं।


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नंदिकेश्वरी शक्तिपीठ मंदिर, बीरभूम, पश्चिम बंगाल (Nandikeshwari Shaktipeeth Temple, Birbhum, West Bengal)

नंदिकेश्वरी शक्तिपीठ मंदिर में माता सती के शरीर का कोई अंग नहीं बल्कि उनका आभूषण हार गिरा था। यहां माता के देवी नंदिनी और शिव के नंदकिशोर स्वरूप की पूजा होती है।

अवंती शक्तिपीठ, उज्जैन, मध्य प्रदेश ( Avanti Shaktipeeth, Ujjain, Madhya Pradesh)

अवंती मां शक्तिपीठ मंदिर, मध्य प्रदेश के प्राचीनतम शहर उज्जैन में स्थित है। इसे गढ़ कालिका मंदिर भी कहा जाता है।

देवी के नर्मदा स्वरूप की होती है पूजा, भगवान शिव का असितांग अवतार भी यहीं (Devee Ke Narmada Svaroop Ke Hote hai Pooja, Bhagawan Shiv Ka Asitaang Avataar Bhee Yaheen)

मध्य प्रदेश में मां नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक कालमाधव शक्तिपीठ मंदिर स्थित है। इस मंदिर की स्थापना लगभग 6000 साल पहले हुई थी।

अमरकंटक की दूसरी शक्तिपीठ शोणदेश, भगवान शिव के भद्रसेन स्वरूप की पूजा होती है (Amarakantak Ke Doosare Shaktipeeth Shonadesh, Bhagawan Shiv Ke Bhadrasen Svaroop Ke Pooja Hote Hai)

शोणदेश शक्तिपीठ मध्य प्रदेश के अमरकंटक में स्थित दूसरी शक्तिपीठ है। इसे नर्मदा माता मंदिर के नाम से भी जाना जाता है।

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