दिल्ली से करीब दो सौ किलोमीटर दूर हरियाणा के हिसार में अग्रोहा धाम स्थित है। कुलदेवी महालक्ष्मी को समर्पित अग्रोहा धाम के आकर्षण से विश्व भर से श्रद्धालु खींचे चले आते हैं।
भारत के प्रसिद्ध पुरी श्री जगन्नाथ मंदिर की तर्ज पर फरीदाबाद में भी श्री जगन्नाथ मंदिर स्थित है। यहां भी भगवान की भव्य रथयात्रा निकालने की परंपरा है और कठोर नियमों और संकल्पों के दौरान पवित्रता बनाए रखने के उद्देश्य से, रथ यात्रा से 15 दिन पहले ही भगवान जगन्नाथ के दर्शन करने पर रोक लगा दी जाती है।
फरीदाबाद में एशिया के सबसे ऊंची हनुमानजी की बैठी मुद्रा में मूर्ति है। जानकारी के अनुसार, इस मूर्ति की ऊंचाई 111 फीट है। एशिया में 111 फीट ऊंचे बैठे हुए हनुमान जी की ये इकलौती मूर्ति है।
सावन के महीने में यहां पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पूजा करने के लिए पहुंचते है। बाबा सुन्दरनाथ जी द्वारा यहाँ पर अखंड धूने की स्थापना की गई है।
सत्यम शिवम सुंदरम सोसायटी द्वारा निर्मित भगवान श्री कृष्ण और वेदमाता गायत्री को समर्पित यह मंदिर गीता गायत्री धाम के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर साउथ सिटी I, सेक्टर 40 गुरुग्राम हरियाणा में स्थित है।
खाटू श्याम को भगवान कृष्ण का कलयुगी अवतार बताया गया है। खाटू श्याम भगवान के सिर्फ भारत में ही नहीं दुनियाभर में भक्त है। खाटू श्याम के वैसे कई मंदिर है।
सुंदरकांड में यह चौपाई तुलसीदास जी ने उस प्रसंग के लिए लिखीं हैं, जहां माता सीता को हनुमान जी की शक्ति पर एक पल की शंका हुई क्योंकि वे एक साधारण वानर दिखाई दे रहे थे।