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गीता गायत्री मंदिर, गुरुग्राम

गीता गायत्री मंदिर, गुरुग्राम

वेदमाता गायत्री को समर्पित है गुरुग्राम का ये मंदिर, विग्रहों की सजावट है विशेषता 


सत्यम शिवम सुंदरम सोसायटी द्वारा निर्मित भगवान श्री कृष्ण और वेदमाता गायत्री को समर्पित यह मंदिर गीता गायत्री धाम के नाम से प्रसिद्ध है। यह मंदिर साउथ सिटी I, सेक्टर 40 गुरुग्राम हरियाणा में स्थित है। मंदिर में प्रवेश करते ही दाईं ओर एक विशाल शिवलिंग के साथ एक शिवालय स्थापित है। इस मंदिर के ठीक सामने माता रानी का भव्य मंदिर, शक्तिपीठ मंदिर भी है। 



मंदिर की विशेषता 


मंदिर के सभी विग्रहों की खूबसूरती देखती ही बनती है।  इस सजावट की विशेषता यह है कि सभी विग्रहों की सजावट शैली एक दूसरे से बिल्कुल भिन्न है। मंदिर परिसर में प्रसाद, आरओ वाटर, पावर बैकअप, सीसीटीवी सुरक्षा, बैठने की बेंच, म्यूजिक सिस्टम और फूलों की दुकान जैसी सुविधाएं उपलब्ध हैं। अगर आप इस मंदिर में दर्शन करने आना चाहते हैं तो बता दें कि मंदिर में प्रवेश निःशुल्क है। 



कैसे पहुंचे 


यह मंदिर गुरुग्राम के हुडा सिटी सेंटर मेट्रो स्टेशन से 2 किलोमीटर की दूरी पर स्थित है। आप यहां से मंदिर तक पहुंचने के लिए ई रिक्शा या ऑटो ले सकते हैं।


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किस दिन है चंपा षष्ठी का व्रत

चंपा षष्ठी का पर्व भारत के प्राचीन त्योहारों में से एक है, जो विशेष रूप से भगवान शिव के खंडोबा स्वरूप और भगवान कार्तिकेय की पूजा के लिए समर्पित है। मार्गशीर्ष माह के शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को यह व्रत मनाया जाता है।

चंपा षष्ठी की पूजा विधि

भगवान शिव के योद्धा अवतार को समर्पित चम्पा षष्ठी हर साल मार्गशीर्ष माह के शुक्लपक्ष की षष्ठी तिथि को मनाया जाता है। यह त्योहार मुख्य रुप से महाराष्ट्र और कर्नाटक में बड़े ही धूमधाम से मनाया जाता है।

बैंगन छठ की कहानी क्या है

हर साल बैंगन छठ या चंपा षष्ठी का यह व्रत मार्गशीर्ष शुक्ल पक्ष की षष्ठी तिथि को रखा जाता है। इसे बैंगन छठ के नाम से भी जानते हैं। दरअसल, इस पूजा में बैंगन चढ़ाते हैं इसलिए इसे बैंगन छठ कहा जाता है।

मेरा मन पंछी ये बोले, उड़ वृन्दावन जाऊँ (Mera Man Panchi Ye Bole Ud Vrindavan Jaau)

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