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अग्रोहा धाम- हिसार, हरियाणा (Agroha Dham- Hisar, Haryana)

अग्रोहा धाम-  हिसार, हरियाणा (Agroha Dham- Hisar, Haryana)

महाराजा अग्रसेन को समर्पित कुलदेवी महालक्ष्मी समर्पित है अग्रोहा धाम, महाभारत काल से जुड़ा इतिहास


 

दिल्ली से करीब दो सौ किलोमीटर दूर हरियाणा के हिसार में अग्रोहा धाम स्थित है। कुलदेवी महालक्ष्मी को समर्पित अग्रोहा धाम के आकर्षण से विश्व भर से श्रद्धालु खींचे चले आते हैं। हिसार में बसा महाभारत कालीन अग्रोहा धाम तीन हिस्से में बंटा है। मध्य में मां लक्ष्मी विराजमान है तो पश्चिम में मां सरस्वती और पूर्व में महाराजा अग्रसेन सहित उनके वंशज की प्रतिमाएं है। मंदिर के बीच में सरोवर का निर्माण किया गया है, जिसको 41 पवित्र नदियों के जल के साथ पावन किया गया है। सिरसा जाने वाले राष्ट्रीय राजमार्ग पर अग्रोहा गांव स्थित महाराजा अग्रसेन को समर्पित कुलदेवी महालक्ष्मी का अग्रोहा धाम विश्वभर में प्रसिद्ध है। 


1976 में हुई थी मंदिर की स्थापना 


महाभारतकालीन अग्रोहा धाम में आस्था संग इतिहास के दर्शन होते है। मंदिर की स्थापना 1976 में हुई थी और इसका निर्माण साल 1984 में हुआ था। अग्रोहा धाम परिसर बाहर से बिल्कुल महल जैसा लगता है और इसकी भव्य वास्तुकला इसे इतना आकर्षक बनाती है। मंदिर के प्रवेश द्वार पर एक भव्य द्वार है जिसके दोनों और हाथी की मूर्तियां है। मंदिर परिसर को तीन भागों में बांटा गया है, जिसमें तीन अलग-अलग हिंदू देवी-देवताओं की प्रतिमाएं है। यहां पर हनुमान जी की विशालकाय प्रतिमा भी है। मान्यता है कि मंदिर में स्थित हनुमान जी के छोटे स्वरूप की मूर्ति जमीन से निकली है। 



यहां पर है रामेश्वर धाम की छवि


मंदिर के पिछले हिस्से में द्वादश ज्योतिर्लिंग वाला भव्य मंदिर है। इस मंदिर को रामेश्वर धाम से भी जाना जाता है। कृष्ण लीला, गज मुक्तेश्वर, जमीन के नीचे मां वैष्णो देवी गुफा, तिरुपति बालाजी, भैरवनाथ, बाबा अमरनाथ की भी प्रतिमा है।



शरद पूर्णिमा पर लगता है विशाल मेला 


अग्रोहा धाम में देशभर से श्रद्धालु पहुंचते हैं। इस मंदिर में शरद पूर्णिमा के अवसर पर धूमधाम से उत्सव मनाया जाता है। इस समय यहां पर  प्रसिद्ध अग्रोहा धाम कुंड मेला भी लगाया जाता है। 


माता महालक्ष्मी का वरदान


शास्त्रों के अनुसार महाराजा अग्रसेन का जन्म महाभारत से पहले हुआ था। उन्होंने महाभारत में अपने पिता के साथ पांडवों की ओर से युद्ध में हिस्सा लिया। अग्रोहा कलयुग में धर्म का केंद्र था। महाराजा अग्रसेन की राजधानी अग्रोहा थी जो कि स्मार्ट सिटी से कम नहीं थी। इसको दूसरा बैकुंठ धाम कहा जाता है। कहा जाता है माता महालक्ष्मी ने महाराज अग्रसेन को तीन बार दर्शन दिए थे। 


कैसे पहुंचे अग्रोहा धाम


हवाई मार्ग - यहां पहुंचने के लिए निकटतम हवाई अड्डा चंडीगढ़ एयरपोर्ट है। एयरपोर्ट से आप टैक्सी या बस के द्वारा अग्रोहा धाम पहुंच सकते हैं।


रेल मार्ग - अग्रोहा धाम का निकटतम रेलवे स्टेशन हिसार है। स्टेशन से आप टैक्सी या ऑटो रिक्शा लेकर सीधे मंदिर पहुंच सकते हैं।


सड़क मार्ग - अग्रोहा धाम सड़क मार्ग से अच्छी तरह से जुड़ा हुआ है। आप निजी वाहन या बस से यहां पहुंच सकते हैं।


मंदिर का समय - सुबह 7 बजे से रात 8 बजे तक। (आरती - सुबह 5 बजे से दो घंटे चलती है)


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