सावन के महीने में यहां पर श्रद्धालुओं का तांता लगा रहता है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु यहां पूजा करने के लिए पहुंचते है। बाबा सुन्दरनाथ जी द्वारा यहाँ पर अखंड धूने की स्थापना की गई है। इस वजह से यह मंदिर बाबा सुन्दरनाथ शिव मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। मंदिर के सामने विशाल सार्वजनिक ग्रीन पार्क है। इसके साथ ही मंदिर से ही सटी, सौ गौवंश से अधिक संख्या के साथ, गाँव के लोगों द्वारा संचालित गौशाला भी स्थित है। इस प्राचीन शिव मंदिर में लोगों की अटूट आस्था बनी हुई है। लोग सावन के सोमवार को यहां दूर-दूर से भगवान शिव का जलाभिषेक करने आते हैं।
यह गांव का प्राचीन मंदिर है इसलिए सावन के महीने में कांवड़ भी चढ़ाई जाती है। पूरे सावन मंदिर में भजन-कीर्तन किए जाते हैं। मंदिर का पुरातन एवं नवीनतम दोनों ही शिवालय फर्स्ट फ्लोर पर स्थित हैं। मंदिर के दूसरे द्वार की ओर श्री राधा कृष्ण का विशाल विग्रह स्थापित किया गया है, जिसकी छवि देखते ही बनती है।
मंदिर तक पहुँचने के लिए दिल्ली मेट्रो के सिकन्दरपुर मेट्रो स्टेशन के गेट नंबर 1 एवं रैपिड मेट्रो गुरुग्राम के फेज-1 स्टेशन से पहुंचा जा सकता है।
इस वर्ष में मंगलवार, 26 नवंबर को उत्पन्ना एकादशी का पर्व मनाया जा रहा है। यह पर्व हर वर्ष मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की एकादशी तिथि को मनाया जाता है।
मार्गशीर्ष माह के कृष्ण पक्ष की उत्पन्ना एकादशी एक महत्वपूर्ण त्योहार है, जो भगवान विष्णु और माता एकादशी की पूजा के लिए विशेष माना जाता है।
हरि तुम हरो जन की भीर।
द्रोपदी की लाज राखी, तुम बढ़ायो चीर॥
सखी हरिद्वार जाउंगी,
हरिद्वार जाउंगी,