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Lingaraj Temple, Bhubaneswar (लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर)

Lingaraj Temple, Bhubaneswar (लिंगराज मंदिर, भुवनेश्वर)

Lingaraj Temple Bhubaneswar: ओडिशा का लिंगराज मंदिर, जहां शिव ने मां पार्वती की प्यास बुझाने के लिए खुद बनाया था सरोवर

भुवनेश्वर के इस मंदिर से एक पौराणिक कथा जुड़ी है। कहा जाता है कि देवी पार्वती ने लिट्टी और वसा नामक दो राक्षसों का वध यहीं किया था। युद्ध के बाद प्यास लगने पर भगवान शिव ने एक कुआं बनाकर सभी नदियों का आह्वान किया, जिससे बिंदुसागर सरोवर बना।

हालांकि यह मंदिर भगवान शिव को समर्पित है, लेकिन यहां भगवान विष्णु की भी शालिग्राम रूप में पूजा होती है। यह हिंदू धर्म के शैव और वैष्णव दोनों संप्रदायों के संगम का प्रतीक है।

सोमवंशी राजा ने बनवाया था मंदिर

 11वीं सदी में सोमवंशी राजा ययाति केसरी ने इस मंदिर का निर्माण करवाया था। हालांकि कई मान्यताओं के अनुसार यहां 7वीं सदी से ही स्वयंभू शिवलिंग की पूजा होती आ रही है।

मंदिर का शिखर 180 फीट ऊंचा है और यह 150 मीटर वर्गाकार परिसर में फैला है। इसकी कलात्मक बनावट को देखकर ऐसा लगता है जैसे मंदिर फूलों के गजरे से सजा हो। यह चार हिस्सों में बंटा है– मुख्य मंदिर, यज्ञशाला, भोग मंडप और नाट्यशाला।

मुख्य द्वार पूर्व की ओर है, जबकि उत्तर और दक्षिण में दो छोटे प्रवेश द्वार हैं। पास ही स्थित बिंदुसागर सरोवर को भूमिगत नदी भरती है। इस जल को भगवान शिव का आशीर्वाद प्राप्त है और इसे पवित्र माना जाता है।

महाशिवरात्रि से लेकर चंदन यात्रा तक भव्य आयोजन

फाल्गुन मास में मनाई जाने वाली महाशिवरात्रि यहां का सबसे बड़ा पर्व है। इस दिन हजारों भक्त मंदिर में दर्शन को आते हैं। अक्षय तृतीया से शुरू होने वाली 21 दिन की चंदन यात्रा और चैत्र मास की अशोकाष्टमी (रथयात्रा) भी प्रमुख पर्व हैं।

पुजारी समुदाय और खास परंपराएं

मंदिर में तीन पुजारी समुदाय– पूजापांडा निजोग, ब्राह्मण निजोग और बडू निजोग सेवा करते हैं। बडू पुजारी बनने के लिए उन्हें तीन संस्कारों– कान छिदवाना, विवाह और ईश्वर स्पर्श– से गुजरना पड़ता है।

दर्शन के नियम और समय

हर दिन दोपहर 12 से 3:30 बजे तक मंदिर बंद रहता है, जब देवता का विशेष स्नान होता है। स्नान में दूध, दही, शहद और घी का प्रयोग होता है। गैर-हिंदुओं का प्रवेश मंदिर में वर्जित है, लेकिन उनके लिए बाहर एक व्यूइंग प्लेटफॉर्म बनाया गया है जहां से वे मंदिर को देख सकते हैं।

कैसे पहुंचें लिंगराज मंदिर

मंदिर, भुवनेश्वर रेलवे स्टेशन और बीजू पटनायक हवाई अड्डे से करीब 4.5 किमी दूर है। ऑटो, टैक्सी और लोकल बसों से आसानी से पहुंचा जा सकता है। मंदिर परिसर के बाहर पार्किंग की भी सुविधा है।

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