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बाबा धवलेश्वर मंदिर, कटक, ओड़ीसा

बाबा धवलेश्वर मंदिर, कटक, ओड़ीसा

चोर की कहानी से नाम पड़ा बाबा धवलेश्वर, मंदिर में भगवान शिव की होती है पूजा


बाबा धवलेश्वर मंदिर भगवान शिव की पूजा के लिए समर्पित हैं। यह मंदिर भारत के ओड़ीसा के कटक शहर से 27 किलोमीटर की दूरी पर भगवान धवलेश्वर नदी के किनारे स्थित द्वीप पर है। महानदी नदी की किनारे एक द्वीप स्थित यह मंदिर 10वीं और 11वीं शताब्दी के शुरुआत में इस्तेमाल होने वाले पत्थरों से अलंकृत है। जिस शांत वातावरण में ये मंदिर स्थित है, वह सभी को आध्यात्मिक अनुभूति कराता है।  


बछड़े का बदल गयी रंग  


धवलेश्वर (धवला या सफेद + ईश्वर या भगवान) नाम भगवान शिव द्वारा किए गए एक चमत्कार के कारण पड़ा। एक बार एक चोर ने गांव में एक काले रंग का बछड़ा चुरा लिया और एक शिव मंदिर में भाग गया। वह बछड़े के साथ गर्भगृह में छिप गया, जबकि गुस्साई भीड़ मंदिर के बाहर उसका इंतजार कर रही थी। भीड़ बछड़े को चिल्लाते हुए सुन सकती थी। चोर ने भीड़ से उसे बचाने के लिए भगवान शिव से प्रार्थना की। उस पर दया करते हुए भगवान संन्यासी के रुप में भीड़ के सामने प्रकट हुए और उनसे उनकी अशांति का कारण पूछा। तो भीड़ ने बताया कि उन्हें संदेह है कि चोर काले बछड़े को लेकर गर्भगृह में छिपा हुआ है, संन्यासी उनकी शंका दूर करने के लिए बछड़े को बाहर ले आए। बछड़ा सफेद निकला, जिसे देखकर भीड़ ने चोर को जाने दिया। संन्यासी गायब हो गया और चोर को अहसास हुआ कि उसकी मदद के लिए कौन आया। तभी से काले बछड़े को सफेद करने कारण भगवान शिव को धवलेश्वर के नाम से जाना जाता है।


मंदिर में मनाई जाती हैं बादा-ओशा शिवरात्रि 


मंदिर की संरचना का निर्माण सोमवंशी राजवंश के शासनकाल के दौरान राजा ययाति केसरी द्वारा किया गया था। वर्तमान मंदिर की जीर्णोद्धार और मरम्मत अथगढ़ राज्य के शासकों द्वारा किया गया था।

कार्तिक माह के शुक्ल पक्ष चतुर्दशी को एक बड़ा मेला लगता है जिसे बादा-ओशा शिवरात्रि कहा जाता है। यहां शिवरात्रि, पौष पूर्णिमा, डोला पूर्णिमा और कार्तिक पूर्णिमा जैसे विभिन्न समारोह मनाए जाते हैं।



बाबा धवलेश्वर मंदिर कैसे पहुंचे


हवाई मार्ग - यहां का सबसे नजदीकी हवाई अड्डा भुवनेश्वर है, जो मंदिर से लगभग 200 किमी दूर है। यहां से आप टैक्सी के द्वारा मंदिर पहुंच सकते हैं।

रेल मार्ग-  यहां का सबसे नजदीकी रेलवे स्टेशन कटक या भुवनेश्वर है। स्टेशन से आप टैक्सी या बस से मंदिर जा सकते हैं।

सड़क मार्ग- अगर आप कार से यात्रा कर रहे हैं, तो कोलकाता- चेन्नई राष्ट्रीय राजमार्ग का उपयोग कर सकते हैं। 


मंदिर का समय-  सुबह 4.30 बजे से रात 9 तक।



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