श्री जगन्नाथपुरी, ओडिशा (Shri Jagannath Puri, Odisha)

दर्शन समय

6:00 AM - 09:00 PM

श्री जगन्नाथपुरी मंदिर का महत्व:


श्री जगन्नाथपुरी, ओडिशा का मंदिर हिंदू धर्म में विशेष महत्व रखता है। यह मंदिर हिंदू धर्म के एक प्रमुख तीर्थ स्थलों में से एक माना जाता है, यहां भगवान जगन्नाथ को प्रतिष्ठित किया गया है। पुरी का महत्व कई कारणों से है।


1. पवित्रता: श्री जगन्नाथपुरी को मान्यता है कि यहाँ के धातुओं का स्पर्श करने से मनुष्य के पापों का नाश होता है और वह आत्मा मुक्ति को प्राप्त करती है।


2. रथयात्रा: हर साल श्री जगन्नाथपुरी में रथयात्रा का आयोजन होता है, जिसमें भगवान जगन्नाथ की मूर्तियाँ रथ पर स्थापित की जाती हैं। यह रथ स्थानीय लोगों की भक्ति और उनके सम्मान का प्रतीक है।

3. समाजिक संबंध: श्री जगन्नाथपुरी मंदिर एक समाजिक संबंध का केंद्र भी है, जहाँ सभी वर्ण और जातियों के लोग आकर्षित होते हैं और सामंजस्य और एकता के भाव को महसूस करते हैं।

4. धार्मिक परंपरा: इस मंदिर का इतिहास और परंपरा हिंदू धर्म के भक्तों के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। यहाँ का यात्रा करना, पूजन करना और प्रार्थना करना धार्मिक महत्व का संकेत है।


इस प्रकार, श्री जगन्नाथपुरी का मंदिर हिंदू धर्म में एक गहरा महत्व रखता है, जो धार्मिक, सामाजिक संबंध और ऐतिहासिक परंपरा का प्रतीक है।


 श्री जगन्नाथपुरी मंदिर की कथा:


श्री जगन्नाथपुरी मंदिर के पीछे एक महत्वपूर्ण कथा है जो भगवान जगन्नाथ के संबंध में है। यह कथा है "राजा इंद्रद्युम्न और भगवान जगन्नाथ की रचना"

कथा के अनुसार, राजा इंद्रद्युम्न ने बड़े ही भव्य और पवित्र मंदिर का निर्माण करने का निश्चय किया। उन्होंने इसके लिए विशेष शिल्पकारों को बुलवाया। राजा मंदिर को सर्वश्रेष्ठ मंदिरों में से एक बनाना चाहते थे।

हालांकि, रचना के बावजूद, उन्हें भगवान जगन्नाथ की मूर्ति का स्थान नहीं मिला। वे बहुत ही चिंतित हो गए। तब एक सुपर्ण ने उन्हें बताया कि मंदिर के निर्माण के दौरान भगवान जगन्नाथ की मूर्ति की रहस्यमयी रचना गुप्त रूप से की गई है।

राजा इंद्रद्युम्न ने अपने अनुयायियों के साथ मिलकर मंदिर के निर्माण के लिए खोज शुरू की। वे एक रहस्यमय वन में भगवान जगन्नाथ की मूर्ति पा गए, जो कि कार्पण्यावती द्रव्य से निर्मित थी। मंदिर में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियाँ स्थापित की गई। यह घटना आज भी भगवान जगन्नाथपुरी मंदिर में स्मरणीय है और इसे रथयात्रा के दौरान समर्पित किया जाता है।

इस प्रकार, श्री जगन्नाथपुरी मंदिर की पीछे यह कथा है जो उसके स्थापत्य के पीछे छिपी है और धार्मिक महत्व के साथ-साथ ऐतिहासिक महत्व भी रखती है।


 श्री जगन्नाथपुरी मंदिर में पूजा विधि:


श्री जगन्नाथपुरी मंदिर में पूजा की विधि बहुत ही विशेष और प्राचीन है। यहाँ पर प्रतिदिन विभिन्न प्रकार की पूजाएं होती हैं जो मंदिर के विभिन्न स्थानों पर की जाती हैं।


1. मंदिर के द्वार पर पूजा: मंदिर में प्रवेश करने से पहले द्वार पर स्थित भगवान जगन्नाथ के दर्शन किए जाते हैं और उन्हें प्रणाम किया जाता है।

2. गर्भगृह में पूजा: मंदिर के गर्भगृह में भगवान जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियाँ स्थापित हैं। यहाँ पूजा विधियाँ विभिन्न प्रकार की होती हैं, जिसमें अभिषेक, आरती, प्रार्थना और पुष्पांजलि शामिल होती हैं।


3. रथ में पूजा: रथयात्रा के समय, भगवान जगन्नाथ की मूर्तियों को विशेष रथ में स्थापित किया जाता है। इस रथ पर भगवान की पूजा और आरती की जाती है।


4. भोग की पूजा: मंदिर में भोग की पूजा भी अत्यंत महत्वपूर्ण है। इसमें भोग का प्रसाद भगवान को अर्पित किया जाता है और फिर इसे भक्तों को वितरित किया जाता है।


श्री जगन्नाथपुरी मंदिर में पूजा की यह विधियाँ श्रद्धा और आदर के साथ संपन्न होती हैं। यहाँ की पूजा विधि में सामाजिकता, समर्पण और ध्यान की भावना समाहित होती है।


श्री जगन्नाथपुरी, ओडिशा पहुँचने के लिए परिवहन सुविधाएं


श्री जगन्नाथपुरी, ओडिशा तक पहुँचने के लिए विभिन्न प्रकार की परिवहन सुविधाएं उपलब्ध हैं। यहाँ निम्नलिखित कुछ महत्वपूर्ण परिवहन सेवाएं हैं:

1. हवाई यातायात: श्री जगन्नाथपुरी के निकटतम हवाई अड्डा भुवनेश्वर में हैं, जिससे देश और विदेश से आने वाले यात्री यहाँ आ सकते हैं। भुवनेश्वर से मंदिर तक कई बस और टैक्सी सेवाएं उपलब्ध हैं।

2. रेलवे: श्री जगन्नाथपुरी के निकटतम रेलवे स्टेशन का नाम "पुरी रेलवे स्टेशन" है। यह स्थान भारतीय रेलवे की विभिन्न शहरों से संचालित ट्रेनों के माध्यम से संपर्क करता है।

3. बस सेवा: ओडिशा राज्य परिवहन निगम (ओएसआरटीसी) द्वारा विभिन्न शहरों से पुरी के लिए बस सेवाएं चलाई जाती हैं। इसके अलावा, निजी बस सेवाएं भी उपलब्ध हैं।

उदाहरण: भुवनेश्वर से पुरी तक टैक्सी, ऑटोरिक्शा और प्राइवेट कार भी उपलब्ध हैं। यात्री अपनी पसंद के अनुसार इन सेवाओं का उपयोग कर सकते हैं।


इन परिवहन सुविधाओं का उपयोग करके भारत के विभिन्न हिस्सों से यात्री श्री जगन्नाथपुरी, ओडिशा के मंदिर तक पहुँच सकते हैं। ये सुविधाएं यात्री को सुगमता और आराम सुनिश्चित करती हैं।


श्री जगन्नाथपुरी, ओडिशा के आस-पास रुकने के लिए कुछ होटल और गेस्ट हाउस की सूची निम्नलिखित है:


श्री जगननाथपुरी मंदिर, ओडिशा के आस-पास कई अच्छे होटल और गेस्ट हाउस हैं, जहाँ यात्री ठहर सकते हैं। यहाँ कुछ विकल्पों की सूची है:


1. पुरी ग्रांड होटल: यह होटल पुरी रेलवे स्टेशन के पास स्थित है और उच्च गुणवत्ता वाले कमरों और सुविधाओं के साथ प्रसिद्ध


2. पुरी सी सी अल्काजी होटल: यह होटल भी पुरी के आस-पास स्थित है और यात्रियों को आरामदायक रहने के विकल्प प्रदान करता है।


3. पुरी बीच रेसिडेंसी: यह होटल समुद्र तट पर स्थित है और प्राकृतिक सौंदर्य का आनंद लेने के लिए अच्छा विकल्प है।


4. ओडिशा टूरिस्ट हॉटल: यह टूरिस्ट हॉटल पुरी रेलवे स्टेशन के पास स्थित है और आरामदायक रहने के विकल्प प्रदान करता है।


5. जगन्नाथपुरी दर्शन निवास: यह गेस्ट हाउस मंदिर के निकट स्थित है और यात्रियों को साफ-सुथरे और सुविधाजनक कमरों की पेशकश करता है।


6. पुरी आर्म्स होटल: यह होटल समुद्र तट के निकट स्थित है और यात्रियों को आरामदायक कमरों और सुविधाओं का आनंद लेने के लिए उपलब्ध है।


7. स्वर्ण द्वीप होटल: यह होटल मंदिर के पास स्थित है और परिवारों और यात्रियों को शांतिपूर्ण माहौल में रहने का अच्छा विकल्प है।


8. मायाफिल होटल: यह होटल पुरी बीच के निकट स्थित है और यात्रियों को आरामदायक कमरों और सुविधाओं की पेशकश करता है।


9. पुरी सी ब्रीज होटल: यह होटल शहर के ऊपरी हिस्से में स्थित है और शांतिपूर्ण वातावरण में अच्छे अनुभव के लिए जाना जाता है।


10. ओडिशा बीच रिसॉर्ट एंड होटल: यह होटल समुद्र तट पर स्थित है और यात्रियों को रिलैक्सेशन के लिए विशेष रूप से डिज़ाइन किया गया है।

ये सभी होटल और गेस्ट हाउस यात्रियों को आरामदायक रहने के विकल्प प्रदान करते हैं और उनकी आवश्यकताओं को समाप्त करने के लिए उच्च गुणवत्ता वाली सेवाएं प्रदान करते हैं।

डिसक्लेमर

'इस लेख में दी गई जानकारी/सामग्री/गणना की प्रामाणिकता या विश्वसनीयता की गारंटी नहीं है। सूचना के विभिन्न माध्यमों/ज्योतिषियों/पंचांग/प्रवचनों/धार्मिक मान्यताओं/धर्मग्रंथों से संकलित करके यह सूचना आप तक प्रेषित की गई हैं। हमारा उद्देश्य सिर्फ सूचना पहुंचाना है, पाठक या उपयोगकर्ता इसे सिर्फ सूचना समझकर ही लें। इसके अतिरिक्त इसके किसी भी तरह से उपयोग की जिम्मेदारी स्वयं उपयोगकर्ता या पाठक की ही होगी।