हिंदू धर्म में दीपावली का पर्व न केवल रोशनी का त्योहार है, बल्कि यह सुख, समृद्धि और सौभाग्य प्राप्त करने का सर्वोत्तम अवसर भी माना जाता है। यह दिन माता लक्ष्मी के पूजन के लिए अत्यंत शुभ होता है, क्योंकि मान्यता है कि दीपावली की अमावस्या की रात स्वयं महालक्ष्मी पृथ्वी लोक पर भ्रमण करती हैं और जिन घरों में स्वच्छता, प्रकाश और भक्ति होती है, वहां निवास करती हैं। इसलिए दिवाली का पूजन विधिपूर्वक और श्रद्धा से करना अत्यंत आवश्यक है।
दिवाली पर लक्ष्मी पूजन से पहले पूरे घर की सफाई करना सबसे पहला और जरूरी कार्य है। मान्यता है कि मां लक्ष्मी स्वच्छ और सुंदर घर में ही प्रवेश करती हैं। पूजा के दिन घर में गंगाजल का छिड़काव करें और मुख्य द्वार पर सुंदर रंगोली बनाएं। दरवाजे पर आम के पत्तों और गेंदे के फूलों से तोरण लगाएं, क्योंकि यह शुभता और सकारात्मकता का प्रतीक है।
इसके बाद पूजा के लिए उत्तर दिशा या पूर्व दिशा में एक स्वच्छ चौकी रखें और उस पर लाल या पीला कपड़ा बिछाएं। चौकी पर भगवान गणेश और मां लक्ष्मी की प्रतिमाएं स्थापित करें। प्रतिमाएं ऐसी हों जिनमें मां लक्ष्मी कमल पर विराजमान हों और उनके हाथों से धन की धारा प्रवाहित होती दिखाई दे। चौकी के पास जल से भरा कलश रखें, जिसमें सुपारी, सिक्का और आम के पत्ते डालें।
सभी देवी-देवताओं का आह्वान करने के बाद भगवान गणेश की पूजा से शुरुआत करें, क्योंकि वे विघ्नहर्ता हैं और हर शुभ कार्य में प्रथम पूज्य माने जाते हैं। गणेश जी को जल, चावल, दूर्वा और मिठाई अर्पित करें। इसके बाद मां लक्ष्मी की पूजा करें — उन्हें जल, मौली, हल्दी, चावल, गुलाल, फल, फूल, मिठाई और कमल का पुष्प अर्पित करें।
पूजा के दौरान घी या तेल का दीपक जलाकर “ॐ श्रीं ह्रीं क्लीं महालक्ष्म्यै नमः” मंत्र का जाप करें। इस मंत्र के साथ माता का ध्यान करें और अपने घर-परिवार की समृद्धि की कामना करें। इसके बाद देवी सरस्वती, मां काली, भगवान विष्णु और कुबेर देव की भी संक्षिप्त पूजा करें। पूजा पूरी होने के बाद तिजोरी, बहीखाते और व्यापारिक उपकरणों की भी आराधना करें, जिससे सालभर आर्थिक उन्नति बनी रहे।
पूजन के अंत में माता लक्ष्मी की आरती करें और उन्हें मिठाई का भोग लगाएं। आरती के बाद प्रसाद को घर के सभी सदस्यों में वितरित करें।
दिवाली की रात मां लक्ष्मी की आरती अत्यंत फलदायी मानी जाती है। आरती के समय शुद्ध घी का दीपक जलाएं और उसे 5, 9, 11 या 21 दीपों से सजाएं। आरती के दौरान घंटी का प्रयोग न करें, बल्कि शांत भाव से मध्यम स्वर में आरती गाएं। दीपक को हमेशा घड़ी की दिशा में लयबद्ध रूप से घुमाएं। यह प्रक्रिया सकारात्मक ऊर्जा को बढ़ाती है और वातावरण को पवित्र बनाती है।
इन मंत्रों का जाप दिवाली की रात करने से मां लक्ष्मी शीघ्र प्रसन्न होती हैं और साधक को धन, ऐश्वर्य और समृद्धि का आशीर्वाद देती हैं।
दिवाली के दिन सफेद या गुलाबी रंग के वस्त्र पहनकर पूजा करना शुभ माना जाता है। काले, भूरे या नीले रंग के कपड़े पहनने से बचें। पूजा में हमेशा नई प्रतिमाओं का उपयोग करें और पुराने मूर्तियों को सम्मानपूर्वक विसर्जित करें। मां लक्ष्मी को गुलाबी कमल का पुष्प अर्पित करना सर्वोत्तम माना गया है।
पूजा समाप्त होने के बाद घर के हर कोने में दीप जलाएं, विशेषकर तुलसी चौरा, रसोईघर और मुख्य द्वार पर। यह न केवल नकारात्मक ऊर्जा को दूर करता है बल्कि घर में सकारात्मक तरंगें फैलाता है। मान्यता है कि इस रात जितने अधिक दीप जलाए जाते हैं, उतना ही जीवन में प्रकाश और समृद्धि बढ़ती है।