सावन महीने की शुक्ल पक्ष की पंचमी तिथि को नाग पंचमी का पर्व मनाया जाता है। यह दिन भगवान शिव और नाग देवता की पूजा के लिए बेहद खास होता है। मान्यता है कि इस दिन नाग देवता की पूजा करने से कालसर्प दोष, राहु-केतु दोष और ग्रहों के अशुभ प्रभाव से मुक्ति मिलती है। साथ ही, भगवान शिव का आशीर्वाद भी प्राप्त होता है।
इस साल नाग पंचमी 29 जुलाई, मंगलवार को मनाई जाएगी। इस दिन सही तरीके से पूजा करने से जीवन में सुख, समृद्धि और शांति आती है। आइए जानते हैं कि नाग पंचमी पर पूजा कैसे करें और इसके लिए कौन-कौन सी सामग्री की जरूरत होती है।
अगर मंदिर में पूजा की जा रही हो तो नाग देवता की मूर्ति या चित्र की आवश्यकता नहीं होती।
सुबह जल्दी उठकर स्नान करें और साफ वस्त्र पहनें। पूजा स्थान को गंगाजल से शुद्ध करें और पूजा का संकल्प लें।
घर के मुख्य द्वार पर पीली मिट्टी या गोबर से सांप की आकृति बनाएं। यह आकृति नाग देवता का प्रतीक होती है। ऐसा करने से घर में आर्थिक समृद्धि आती है।
नाग देवता की मूर्ति या चित्र को दूध से स्नान कराएं। इसके बाद हल्दी और सिंदूर का लेप लगाएं। फिर फूल चढ़ाएं और धूपबत्ती जलाएं।
नाग देवता को दूध, फल, मीठा, अंकुरित अनाज और दालें अर्पित करें। पूजा पूरी श्रद्धा और भावना से करें।
शिवलिंग पर दूध, धतूरा, फल, अर्क और फूल चढ़ाएं। रुद्राभिषेक करें और भगवान शिव से आशीर्वाद मांगे।
मान्यता है कि इस दिन शिव मंदिर जाकर भगवान शिव को चंदन की सात गोलियां चढ़ाने से विशेष पुण्य मिलता है और जीवन की बाधाएं दूर होती हैं।
अगर किसी व्यक्ति की कुंडली में राहु-केतु या कालसर्प दोष हो, तो नाग पंचमी पर विशेष पूजा जरूर करनी चाहिए। इस दिन “ॐ नागदेवाय नमः” या “ॐ भुजंगेशाय विद्महे, सर्पराजाय धीमहि, तन्नो नागः प्रचोदयात्” मंत्र का 108 बार जाप करने से दोष शांति होती है और मनोकामनाएं पूरी होती हैं।
नाग पंचमी पर की गई पूजा केवल परंपरा नहीं, बल्कि आत्मिक शुद्धि, ग्रह शांति और पारिवारिक सुख-शांति का माध्यम मानी जाती है। खासतौर पर इस दिन नागों को दूध से स्नान कराना शुभ होता है, दूध पिलाना नहीं, क्योंकि इससे उन्हें नुकसान हो सकता है।
हर सप्ताह का एक खास दिन होता है और रविवार सूर्य देव को समर्पित माना गया है। यह दिन शक्ति, ऊर्जा और आत्मविश्वास से जुड़ा होता है। मान्यता है कि रविवार के दिन विशेष मंत्रों का जाप करने से व्यक्ति को मान-सम्मान, यश और स्वास्थ्य लाभ प्राप्त होता है।
भगवान भोलेनाथ को प्रसन्न करने के लिए सोमवार का दिन बेहद शुभ माना जाता है। क्योंकि हिंदू धर्म में सोमवार का दिन देवों के देव महादेव को समर्पित है।
हिंदू धर्म में हनुमान जी की पूजा का विशेष महत्व है। ऐसा माना जाता है कि प्रभु की पूजा-अर्चना करने से भक्तों को बल, बुद्धि और विद्या की प्राप्ति होती है।
हिंदू धर्म में बुधवार का दिन भगवान गणेश की पूजा-अर्चना के लिए सबसे शुभ माना जाता है। भक्तों को इस दिन गणपति की विधिपूर्वक पूजा-अर्चना जरूर करना चाहिए।